जलगांव। महाराष्ट्र के जलगांव जिले में आयोजित छह दिवसीय बंजारा कुंभ का समापन सोमवार को हुआ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हम सभी को सनातन धर्म पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए। सबसे प्राचीन यह धर्म, दुनिया में मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है। सनातन धर्म के साथ छेड़छाड़ करने का मतलब मानवता के साथ खिलवाड़ करना है। जो लोग अवैध कन्वर्जन के माध्यम से राष्ट्रांतरण की कुत्सित मंशा के साथ भारत के अंदर कार्य करना चाहते हैं, उनकी मंशा कभी सफल नहीं होने वाली। देश अब जाग चुका है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुंभ में आए करीब 50 हजार लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जो सभी प्रकार की कामनाओं और सिद्धियों की पूर्ति कर दे, वही कुंभ का भाव है। बंजारा कुंभ ने यह साबित कर दिया है कि वह भारत माता की रक्षा करने, उसके पूज्य संतों, ऋषियों, महापुरुषों और क्रांतिवीरों के संकल्प को अब धर्मजागरण के माध्यम से सिद्धि की पराकाष्ठा तक पहुंचाने का कार्य करेगा। हम सभी को सनातन धर्म पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए। हम सौभाग्यशाली हैं कि हमने विश्व को मानवता की राह दिखाने वाले भारत में जन्म लिया है। इसके अलावा दुनिया का सबसे प्राचीन धर्म जो दुनिया में मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है, उसमें जन्म लेने का सौभाग्य हम सबको प्राप्त हुआ है। सनातन धर्म का मतलब है मानव धर्म। वसुधैव कुटुम्बकम का उद्घोष हमारा सनातन धर्म ही कर सकता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत आज अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। भारत नित नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज एक नया भारत आकार ले रहा है। जिस तेजी के साथ और सनातन मूल्यों की रक्षा करते हुए भारत सरकार कार्य कर रही है, अगले कुछ वर्षों में हमारा देश दुनिया की सर्वश्रेष्ठ अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है।
25 जनवरी से शुरू हुए कुंभ के आज समापन समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य सुरेश जोशी उपाख्य भैयाजी, योगगुरु बाबा रामदेव और अन्य गणमान्य मौजूद रहे। इसके अलावा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कुंभ कार्यक्रम में जुड़े।
संघ व संतों के मार्गदर्शन में राममंदिर आंदोलन बढ़ा
योगी ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सवी वर्ष में भारत को दुनिया के टॉप 20 बड़े देशों का नेतृत्व करने का गौरव प्राप्त हुआ है। प्रधानमंत्री ने हर भारतवासी को पंच प्रण की याद दिलाते हुए कहा था कि देश के अंदर से गुलामी के अंश को सदैव के लिए समाप्त करना होगा। आपने देखा होगा कि राष्ट्रपति भवन के मुगल गार्डन का नाम अब अमृत उद्यान हो गया है। अयोध्या में 500 वर्षों का इंतजार समाप्त करके भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है। 500 वर्ष में न जाने कितने संघर्ष हुए। लाखों हिंदुओं, संतों को बलिदान देना पड़ा। मगर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेतृत्व और पूज्य संतों के मार्गदर्शन में आंदोलन आगे बढ़ा और जब देश के अंदर भारत की सोच रखने वाली सरकार आई तो अयोध्या में भव्य मंदिर के निर्माण का कार्य प्रशस्त हुआ।
मुख्यमंत्री ने कुंभ के आयोजकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे कुंभ को एक राष्ट्रीय अभियान के रूप में पूरे देश में चलाना चाहिए। इस कुंभ के जरिए पूरे भारत के बंजारा समाज को एक साथ जोड़ने की कोशिश की गयी है। यहां राष्ट्रीय स्तर पर ‘धर्मांतरण नहीं कानून’ की मांग को लेकर एक संकल्प भी पारित किया गया। ये कुंभ बंजारा समुदाय के मतांतरण को रोकने और सभी बंजारा, लबाना व नायकड़ा समुदाय को एकजुट करने के लिए आयोजित किया गया। इसका आयोजन संतों और बंजारा समुदाय ने मिलकर किया।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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