मध्य प्रदेश सरकार राज्य कर्मचारियों को चार प्रतिशत महंगाई भत्ता (डीए) की सौगात दे सकती है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गणतंत्र दिवस के मौके पर राज्य के 7.50 लाख नियमित कर्मचारियों का डीए चार प्रतिशत बढ़ाकर 38 प्रतिशत करने की घोषणा कर सकते हैं, जो जनवरी के वेतन से जुड़कर मिलेगा। इसके साथ ही साढ़े चार लाख पेंशनरों का डीए भी बढ़ाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री चौहान ने शनिवार को सीहोर जिले के नसरुल्लागंज में हर शाला-स्मार्ट शाला कार्यक्रम में दानदाता शिक्षकों, जनप्रतिनिधियों एवं समाजसेवियों को सम्मानित किया। इस दौरान उन्होंने कहा था, मैं प्रदेश के सभी शिक्षकों के प्रति आदर प्रदर्शित करते हुए उनके डीए में चार प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा करता हूं। इससे कर्मचारियों के डीए बढ़ने की उम्मीद जागी है। दरअसल, वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों को 38 प्रतिशत डीए दिया जा रहा है। जबकि राज्य के कर्मचारियों को 34 प्रतिशत मिल रहा है। वहीं पेंशनरों को 33 प्रतिशत डीए दिया जा रहा है, जो केंद्र सरकार के पेंशनरों की तुलना में पांच प्रतिशत कम है।
मध्यप्रदेश राज्य कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेशचन्द्र शर्मा ने बताया कि राज्य के कर्मचारियों का डीए केंद्र के कर्मचारियों के समान करने पर विचार चल रहा है। जल्द ही परिणाम सामने आ जाएंगे। उम्मीद है कि मुख्यमंत्री चौहान गणतंत्र दिवस के मौके पर इसकी घोषणा करेंगे। इससे डीए 34 से बढ़कर 38 प्रतिशत हो जाएगा। यह डीए एक जुलाई 2022 से बाकी है, क्योंकि केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को डीए पिछले साल दे दिया था। फिलहाल वित्त विभाग की तैयारी के हिसाब से चार प्रतिशत डीए के भुगतान में सरकार पर हर साल 1440 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा।
गौरतलब है कि प्रदेश में नियमित शासकीय कर्मचारी 6 लाख 40 हजार हैं, जबकि 1 लाख 10 हजार वर्क चार्ज और दैनिक वेतन भोगी हैं। इस तरह इन 7.50 लाख कर्मचारियों को बढ़े हुए डीए का फायदा होगा। डीए की बढ़ोतरी का न्यूनतम 15500 रुपये वेतन पाने वालों को 625 रुपये और अधिकतम 2 लाख 15 हजार रुपये वेतन पाने वाले अधिकारियों को 9000 रुपये का हर महीने फायदा होगा। इनमें राज्य सरकार के सुपर क्लास-1, क्लास-1, द्वितीय श्रेणी, तृतीय श्रेणी और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शामिल हैं।
फिलहाल प्रदेश में 4 लाख 75 हजार पेंशनर्स की महंगाई राहत (डीआर) बढ़ाने में धारा 49 दिक्कत बनी हुई है। डीआर बढ़ाने के मामले में मप्र को छत्तीसगढ़ से वित्तीय सहमति लेना जरूरी है। चार फीसदी महंगाई राहत की स्वीकृति के लिए छत्तीसगढ़ को प्रस्ताव भेजा जाएगा। इजाजत मिलने के बाद सरकार इसका निर्णय लेगी।
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