भारत से करोड़ों रुपए की धोखाधड़की करके भागा हीरा कारोबारी मेहुल चौकसी से जुड़ी एक हैरान करने वाली जानकारी मिली है। पता चला है कि वह एंटीगुआ से भारत भेजे जाने से बचने के लिए मोटा पैसा खर्च कर रहा है। उसे डर है कि अफसरों को पैसा नहीं खिलाया तो उसे भारत के हवाले कर दिया जाएगा।
भारत में पंजाब नेशनल बैंक से करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा करके फरार हुआ भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चौकसी पिछले लंबे समय से एंटीगुआ में है। बताया जा रहा है कि वह वहां पुलिस के अफसरों को रिश्वत में मोटा पैसा देकर अपनी खाल बचाए बैठा है। शायद इस डर से कि कहीं उस देश की सरकार उसे भारत को न सौंप दे। इसके अलावा वह उस देश में सुख—सुविधाएं भी पाते रहना चाहता है।
उल्लेखनीय है कि यह हैरतअंगेज बात एंटीगुआ-बारबुडा स्थित खोजी पत्रकार केनेथ रिजोक की एक रिपोर्ट में सामने आई है। केनेथ का कहना है कि मेहुल चौकसी एक बहुत ही शातिर अपराधी है। वह आज भी कई साजिशें करने में लगा है। इसके पीछे यही वजह है कि वह नहीं चाहता उसे भारत सरकार को सौंपा जाए।
यहां बता दें कि मेहुल चौकसी के विरुद्ध इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया हुआ है। इंटरपोल को पता है कि वह इस वक्त एंटीगुआ में कहां किस जगह पर है। अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत इंटरपोल एंटीगुआ सरकार से चौकसी को अपनी गिरफ्त में लेकर भारत से भागे उस अपराधी को भारत की सरकार के हाथ सौंप सकती है।
यह रिपोर्ट बताती है कि मेहुल चौकसी एंटीगुआ के पुलिस अफसरों को मोटा पैसा दे रहा है और अपनी खाल बचाने की कोशिश कर रहा है। उसने वहां टिके रहने की पूरी साजिश रची हुई है। संभवत: इसी वजह से इंटरपोल के हाथ उस तक नहीं पहुंच रहे हैं। बताया जाता है कि इस कार्रवाई में चौकसी की रिश्वत की वजह से वहां की पुलिस कोई न कोई पेंच फंसाती आ रही है। वहां की अदालत में चल रहा उसका केस भी शायद इसी वजह से लंबा खींचा जा रहा है। बताते हैं चोकसी को बचाने में वहां के प्रशासनिक अधिकारी लगे हुए हैं और इसके पीछे उन्हें भगोड़े चौकसी से मिल रहा मोटा पेसा है।
रिपोर्ट में एक और हैरान करने वाला खुलासा यह है कि उस देश में हेनरी नाम का एक बड़ा पुलिस अफसर चौकसी के एक फर्जी रेस्टोरेंट में एक हफ्ते में तीन बार उससे मिलने गया था। चौकसी का केस देख रहे जज कॉन्लिफी क्लार्क पर भी चौकसी ने पैसे का जाल बिछाने की कोशिश की है। अदालत में चौकसी एक बार नहीं, कई बार तबियत खराब होने का बहाना बनाकर कानूनी कार्रवाई से बचता आ रहा है। इससे अदालती कार्रवाई लंबी खिंचती जा रही है।
बताया तो यहां तक जा रहा है कि कहीं अपराधी मेहुल चौकसी को क्यूबा भेजा जा सकता है, क्योंकि भारत तथा क्यूबा के मध्य प्रत्यर्पण संधि नहीं है। इसी वजह से उसे उस देश से भारत नहीं भेजा जा सकेगा। जबकि एक बार तो खुद एंटीगुआ की अदालत मेहुल को भारत के हवाले करने का फैसला सुना चुकी थी।
सनद के लिए बता दें कि मेहुल चौकसी पंजाब नेशनल बैंक के 14,500 करोड़ रुपए के घोटाले का प्रमुख आरोपी है। वह 2018 के जनवरी माह में भारत से भाग गया था। आगे चलकर पता चला था कि उसने तो 2017 में ही एंटीगुआ-बारबुडा की नागरिकता ले ली थी। उस पीएनबी घोटाले की जांच में जुटे केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय उसके प्रत्यर्पण के प्रयास करते आ रहे हैं। लेकिन चौकसी अपनी तबियत खराब होने की बातें कह—कहकर भारत में अदालत के सामने आने से बचता रहा है। यदा—कदा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उसी पेशी हो पाती है। भारत सरकार ने उसकी अनेक संपत्तियां भी जब्त कर ली हैं।
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