आज का दिन हम सब के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। बीते 8 साल में बदलते भारत को पूरी दुनिया ने देखा है और काशी के लिए तो आज से संभावनाओं की एक नई यात्रा का शुभारंभ हुआ है। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को वाराणसी में रिवर क्रूज यात्रा के शुभारंभ और गंगा पार बनी टेंट सिटी के उद्घाटन समारोह के दौरान कही। एमवी गंगा विलास क्रूज के माध्यम से काशी से डिब्रूगढ़ तक 3200 किलोमीटर की विश्व की सबसे लंबी रिवर क्रूज यात्रा का शुभारंभ और गंगातट पर बनी टेंट सिटी का उद्घाटन समारोह शुक्रवार को रविदास घाट पर आयोजित हुआ। पीएम मोदी इस समारोह में वर्चुअली उपस्थित रहे।
उन्होंने कहा कि दुनिया की सबसे प्राचीन नगरी काशी, दुनिया की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में विख्यात है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में काशी अपनी विरासत को संरक्षित रखते हुए वैश्विक मानचित्र पर उभरी है। आज का दिन काशी के साथ ही बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और असम के लिए भी बहुत ऐतिहासिक है। यूपी को हमेशा इस बात की तड़प रहती थी कि लैंड लॉक स्टेट होने के कारण हमारे कृषि और एमएसएमई के उत्पादों को अन्तरराष्ट्रीय बाजारों में भेजना महंगा पड़ता था। व्यापारी सदैव इसे लेकर परेशान रहते थे। विगत तीन वर्ष के अंदर पूर्वी बंदरगाह से काशी को जोड़ने का जो कार्य हुआ है, उसके लिए उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वनाथ धाम बनने के साथ ही काशी में पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्या कई गुना बढ़ी है। इसके साथ ही संभावनाओं के नये द्वार भी खुले हैं। गंगा विलास रिवर क्रूज की आगे की दो वर्ष की एडवांस बुकिंग इसका जीता जागता प्रमाण है। काशी आज नई पहचान के साथ आगे बढ़ रहा है। इससे एक भारत, श्रेष्ठ भारत के अभियान को भी बल मिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का कार्यक्रम नमामि गंगा की सफलता की नई ऊंचाई को प्रदर्शित करता है। बीते आठ साल में मां गंगा का जल आचमन तो दूर स्नान के लिए लोगों में आशंकाएं उत्पन्न करता था। आज नमामि गंगा अभियान सफलता की ऊंचाई छूते हुए आगे बढ़ा है। 2019 में प्रयागराज कुंभ की सफलता इसी नमामि गंगा की सफलता की कहानी का प्रत्यक्ष प्रमाण है। गंगा के साथ अपनी आजीविका को जोड़ने वाले काशी के 16 सौ से ज्यादा नाविकों के जीवन में परिवर्तन आया है। सरकार ने नाविक की नावों को सीएनजी से जोड़ने का कार्य किया। आज यहां का हर नाविक एक ही सीजन में पूरे साल की कमाई कर ले रहा है। ये नमामि गंगा परियोजना की सफलता तो है ही, साथ ही नाविकों के स्वावलंबन को भी दर्शाता है।
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