प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी आज गंगा विलास क्रूज यात्रा को वर्चुअल हरी झंडी दिखाकर डिब्रूगढ़ के लिए रवाना करेंगे। गंगा विलास क्रूज यात्रा की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वाराणसी पहुंच गए। कोलकाता से 22 दिसंबर को रवाना गंगा विलास लग्जरी क्रूज मौसम खराब होने की वजह से तीन दिन की देरी से मंगलवार को वाराणसी पहुंचा। 51 दिनों के एडवेंचर सफर पर निकला दुनिया के सबसे लंबे जलमार्ग पर चलने वाला गंगा विलास क्रूज बांग्लादेश से गुजरने के बाद असम के बह्मपुत्र नदी से डिब्रूगढ़ पहुंचेगा।
यह क्रूज उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश और असम के कुल 27 रिवर सिस्टम से गुजरेगा। इसमें रास्ते में मुख्य तीन नदियां गंगा, मेघना और ब्रह्मपुत्र पड़ेंगी। क्रूज बंगाल में गंगा की सहायक और दूसरे नामों से प्रचलित भागीरथी, हुगली, बिद्यावती, मालटा, सुंदरवन रिवर सिस्टम, वहीं बांग्लादेश में मेघना, पद्मा, जमुना और फिर भारत में ब्रह्मपुत्र से असम में प्रवेश करेगा।
दुनिया की सबसे बड़ी रिवर क्रूज यात्रा से शुक्रवार को काशी के पर्यटन के क्षेत्र में और एक और उपलब्धि जुड़ जाएगी। इससे भारत की अन्य नदियों में भी रिवर क्रूजिंग के बारे में जागरुकता बढ़ेगी। वाराणसी में गुरुवार को योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वाराणसी से डिब्रूगढ़ के लिए रिवर क्रूज गंगा विलास के उद्घाटन के साथ काशी नए युग में प्रवेश करेगी। उद्घाटन की पूर्व संध्या पर श्रीकाशी विश्वनाथधाम में आयोजित सरिता-‘गंगा की स्वर समता’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने हिस्सा लिया।
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