दिल्ली में यौनकर्मियों हेतु पहली बार ‘उत्कर्ष’ नाम से एक औषधालय शुरू हुआ, वहीं उनकी बच्चियों को पढ़ाने हेतु ‘अपराजिता’ नामक प्रकल्प चल रहा
बात 1 जनवरी की है। जब अधिकतर लोग नव वर्ष मना रहे थे, तब कुछ समाजसेवी दिल्ली में जी.बी.रोड (यौनकर्मियों की बस्ती) पर एक औषधालय का शुभारंभ कर रहे थे। इसका नाम है-‘उत्कर्ष’। सेवा भारती, दिल्ली और नेशनल मेडिकोज आर्गनाइजेशन (एनएमओ) की पहल के बाद ‘उत्कर्ष’ का जन्म हुआ है। इसकी शुरुआत कुछ समय पहले चिकित्सा शिविर के रूप में हुई थी। अब इसे औषधालय का रूप दिया गया है। सेवा भारती, दिल्ली के महामंत्री सुशील गुप्ता के अनुसार ‘उत्कर्ष’ का उद्देश्य है यौनकर्मियों की नियमित जांच और उपचार के साथ ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना। एक रपट के अनुसार जी.बी.रोड पर लगभग 3,000 यौनकर्मी और उनके बच्चे रहते हैं। यहां रह रहीं महिलाएं अनेक बीमारियों से ग्रस्त हैं, लेकिन लोक-लाज के चलते किसी अस्पताल में इलाज कराने से बचती हैं। इस कारण इनका जीवन बहुत कठिन स्थिति से गुजरता है। इसे देखते हुए सेवा भारती, दिल्ली और एनएमओ ने साथ मिलकर इस औषधालय का शुभारंभ किया है।
सेवा भारती, दिल्ली के संगठन मंत्री शुकदेव इसकी पृष्ठभूमि के बारे में बताते हैं, ‘‘सेवा भारती ने लोगों की मदद करने के लिए 2020 में कोरोना काल में एक फोन नंबर जारी किया था। उन्हीं दिनों एक महिला का फोन आया कि क्या हमें भी मदद मिल सकती है? फिर उस महिला ने कहा कि मेरी जैसी सैकड़ों महिलाएं जी.बी.रोड पर रह रही हैं, जिन्हें मदद की जरूरत है। बात खत्म होने के कुछ देर बाद ही सेवा भारती के कार्यकर्ता वहां पहुंच गए। इन लोगों ने 250 से अधिक ‘घरों’ में रहने वाली महिलाओं को एक महीने का राशन और अन्य सामग्री दी। इसके बाद से सेवा भारती निरंतर उनके लिए कुछ करती रहती है। बातचीत में इन महिलाओं ने अपनी बीमारी के बारे में बताया और मजबूरी भी बताई। इसे देखते हुए वहां औषधालय शुरू किया गया।’’
औषधालय के लिए जगह नगर निगम ने उपलब्ध कराई है। अभी हफ्ते में दो दिन 11 से1 बजे तक यहां रोगी देखे जाएंगे। आगे जरूरत पड़ने पर यहां प्रतिदिन स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। इस काम में ‘रोटरी क्लब’ भी सहयोग कर रहा है।
लगभग डेढ़ वर्ष पहले सेवा भारती, दिल्ली ने यौनकर्मियों की बच्चियों के लिए ‘अपराजिता’ के नाम से एक छात्रावास शुरू किया था। दिल्ली के आनंद निकेतन में चल रहे इस प्रकल्प में यौनकर्मियों की बच्चियों को रखा गया है। इस समय यहां आठ बच्चियां हैं। ये सभी सरस्वती विद्या मंदिर, नेहरू नगर में पढ़ती हैं। इनकी पढ़ाई, भोजन और अन्य जरूरतों को सेवा भारती पूरा करती है।
टिप्पणियाँ