रुड़की स्तिथ सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रो. प्रदीप कुमार को जोशीमठ धंसाव के बारे में सुझाव और एक्शन प्लान के लिए भारत और उत्तराखंड सरकार द्वारा जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने बताया कि हम पहले चरण में जोशीमठ के व्यवसायिक भवनों को नॉन ब्लास्ट तकनीक से गिराएंगे और उसके बाद है घरों को गिराने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि सीबीआरआई के विशेषज्ञों की टीम जोशीमठ पहुंच चुकी है और हमने अपना काम शुरू कर दिया है,एक टीम ये भी काम कर रही है कि जोशीमठ में लोगो को कहां पुनर्स्थापित करना है इस के लिए पहले अस्थाई शेल्टर होम बनाने का काम करना है। उन्होंने कहा हमारे पास विश्व स्तरीय विशेषज्ञ है और हम इस आपदा की चुनौती को स्वीकार कर रहे है।
बहुमंजिले होटलों को गिराने की योजना पर काम शुरू
जानकारी के मुताबिक मुख्यसचिव डा.एस एस संधू के जोशीमठ दौरे के बाद दो वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को जोशीमठ में ही बिठा दिया गया है। पीएमओ द्वारा लगातार रिपोर्ट लेने के बाद जिला प्रशासन ने खतरे की जद में आए भवनों खासतौर पर बड़े होटलों को गिराने की योजना बना ली है।
रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट पहुंचे जोशीमठ
पीएम मोदी के निर्देश पर रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट जोशीमठ पहुंचे और उन्होंने हालात का जायजा लिया और कहा कि स्तिथि खतरनाक है ,पहले हम जान माल की सुरक्षा करेंगे लोगो को सुरक्षित करेंगे फिर नुकसान वाले भवनों को गिराने और हटाने का काम करेंगे और कुछ होटल तो ऐसे है जोकि तिरछे हो गए है हम उन्हे भी गिराने के लिए रुड़की के विशेषज्ञों को बुला लिया गया है।
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