पाकिस्तान की सेना की बर्बरता के चर्चे पूरी दुनिया में आम हो चले हैं खासकर पीओके में जिस तरह की नृशंसता सेना दिखा रही है उसका दूसरा उदाहरण शायद ही देखने को मिले। गिलगित—बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान का कब्जा भले है लेकिन वहां के लोग दशकों से अपनी आजादी की मांग करते आ रहे हैं। पाकिस्तान सरकार ने अपनी सेना को वहां निर्ममता की हदें लांघने के लिए खुला छोड़ा हुआ है। वहां से आए ताजा समाचार दहलाने वाले हैं। हाल ही में वहां पाकिस्तनी सेना ने प्रदर्शनकारियों पर अंधाधुंध गोलियां दागकर कई मासूमों को जान से मार दिया है।
गिलगित-बाल्टिस्तान में नागरिक पाकिस्तान सेना के विरोध में उतरे हुए हैं। वहां लगातार धरने प्रदर्शन हो रहे हैं। नागरिक परेशान हैं क्योंकि वहां बुनियादी सुविधाएं तो हैं ही नहीं, तिस पर सेना वहां मनमानी पर उतरी हुई है इसलिए अब कई दिन से वहां प्रदर्शनों का सिलसिला चल रहा है। लोग पाकिस्तान सेना के विरुद्ध नारे लगा रहे हैं।
ऐसे ही विरोध प्रदर्शन पर पाकिस्तान सेना द्वारा गोलियां दागने की जानकारी मिली है। आजादी की मांग को लेकर वहां चल रहे प्रदर्शन के बीच सेना के जवान घुस आए और अंधाधुंध गोलियां दागनी शुरू कर दीं, जिससे एक बहुत बड़ा हादसा देखने में आया है। इसमें संदेह नहीं है कि सेना को उसके बड़े अधिकारियों ने पीओके में अत्याचार करने की खुली छूट दे रखी है।
उल्लेखनीय है कि पिछले कई दिनों से पाकिस्तान सरकार के विरुद्ध गिलगित-बाल्टिस्तान में चले आ रहे विरोध प्रदर्शनों से सरकार भी बेचैन दिखाई देने लगी है। इस्लामाबाद की तरफ से वादे कई किए जा चुके हैं, लेकिन उनको पूरा नहीं किया जाता है। इसके विरुद्ध अब लोगों ने मुहिम जैसी छेड़ दी है। उन्हें सबसे ज्यादा नाराजगी वहां की सेना से है। ये प्रदर्शन लगातार काबू से बाहर होते जा रहे हैं क्योंकि सरकार की तरफ से नागरिकों के दर्द को दूर करने की कोई कोशिश होती नहीं दिखाई दे रही है।
पाकिस्तान सरकार गिलगित-बाल्टिस्तान में अत्याचार की सीमाएं लांघ चुकी है। सेना के माध्यम से वह वहां अपना डंडा राज चलाती आ रही है लेकिन अब लोगों के सब्र का बांध टूटता दिखाई दे रहा है। महिलाओं सहित बड़ी संख्या में पुरुष भी सड़कों पर उतरे हुए हैं। पाकिस्तान सरकार अपनी नाकामी को छुपाने में असफल रही है। दुनिया के विभिन्न देशों में गिलगित बाल्टिस्तान के असली हालात की खबरें पहुंच रही हैं। सब जान रहे हैं कि वहां पाकिस्तान की असलियत सामने आ चुकी है। ऐसे ही एक प्रदर्शन के हाल ही में सोशल मीडिया पर दिखे वीडियो में साफ दिखता है कि सेना के विरुद्ध नारेबाजी हो रही है जबकि पास ही सेना के अधिकारी चुप-चाप खड़े हैं।
गिलगित-बाल्टिस्तान के नागरिकों का आरोप है कि पाकिस्तान की सेना वहां लोगों की जमीनों को जबरन कब्जा रही है। ये लोग अपनी जमीन से हाथ धोकर विस्थापित होने को मजबूर हैं। आने वाले दिनों में इस क्षेत्र में हालात और गंभीर होने का अंदेशा जताया जा रहा है।
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