ईसाई मिशनरियों ने उत्तरकाशी जिले के छिवाला गांव में छल से लोगों को बनाया ईसाई। आक्रोशित स्थानीय नागरिकों और हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों के जबरदस्त विरोध के बाद मामला दर्ज कर पुलिस कर रही है जांच
उत्तराखंड में ईसाई मिशनरियों द्वारा कन्वर्जन के अनेक तरीके अपनाए जा रहे हैं। उनमें एक प्रमुख तरीका है छल। गत 24 दिसंबर को एक ऐसे ही ईसाई छल के कारण उत्तरकाशी जिले का पुरेला कस्बा उबल पड़ा। जैसे ही कुछ हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों के कार्यकर्ताओं को पता चला कि कुछ ईसाई तत्व हिंदुओं का कन्वर्जन कर रहे हैं, वे लोग विरोध में उतर आए। हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के साथ-साथ शहर के व्यापार मंडल ने भी इस घटना के विरोध में बाजार बंद कर जुलूस निकाला। समय पर कार्रवाई न होने से स्थानीय लोगों ने पुलिस के विरुद्ध भी अपना गुस्सा जाहिर किया। हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों ने अपने विरोध प्रदर्शन में कन्वर्जन करवाने वाले पादरी और उसके साथियों को गिरफ्तार करने की मांग की। कुछ प्रदर्शनकारी तहसील कार्यालय पर धरना देने पहुंचे और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा। इसके बाद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचे। मामले की गंभीरता को देखते हुए उत्तराखंड में हाल ही में संशोधित किए गए कन्वर्जन कानून के तहत पहला मामला दर्ज किया गया।
उल्लेखनीय है पुरेला के छिवाला गांव में प्रार्थना सभा आयोजित कर 35 हिंदुओं को ईसाई बनाया जा रहा था। इसके लिए मसूरी के एक चर्च से केरल मूल का एक पादरी जेजारस कोर्निलियस अपनी पत्नी पुष्पा कोर्निलियस के साथ वहां गया था। कहा जा रहा है कि ये दोनों दो वर्ष से मसूरी के यूनियन चर्च में रह रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि ये दोनों लंबे समय से कन्वर्जन का काम भी आ रहे करते आ रहे हैं। यही कारण है कि दर्ज मामले में जिन छह लोगों को आरोपी बनाया गया है, उनमें कोर्निलियस दंपति भी शामिल है। अब पुलिस इन दोनों की तलाश कर रही है।
छिवाला में ईसाइयों का आना-जाना
बताया जा रहा है कि छिवाला गांव में पादरी और उसकी टोली के लोग निरंतर जाते थे। कुछ लोगों का कहना है कि इन लोगों की नजर छिवाला पर वर्षों से थी। ये लोग गुप-चुप तरीके से छिवाला में प्रार्थना सभा करते थे। इसके लिए गांव के लोगों को लोभ-लालच देकर बुलाया जाता था। छिवाला में उत्तराखंड मूल के निवासियों के साथ-साथ नेपाली मूल के लोग भी रहते हैं। इन सभी को तरह-तरह के लालच दिए गए। कई गांव वाले उनके प्रलोभन में आ गए और ईसाई भी बन गए। विरोध होने पर स्थानीय प्रशासन अब पूरे मामले की गहनता से जांच कर रहा है। इस मामले पर उत्तराखंड के पुलिस उपमहानिदेशक (कानून-व्यवस्था) वी. मुरुगेशन ने कहा है कि दोनों पक्षों की तरफ से तहरीर मिली है, जिसे दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच के लिए पुलिस उपाधीक्षक को नियुक्त किया गया है।
इस घटना के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिए हैं कि सभी जिलों से कन्वर्जन की जो भी शिकायतें मिल रही हैं, उन्हें गंभीरता से लें। उम्मीद है कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद राज्य की पुलिस कन्वर्जन और इस तरह की अन्य घटनाओं को गंभीरता से लेगी।
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