पर्यावरण की रक्षा की दृष्टि से झारखंड के गुमला में ‘बर्तन बैंक’ का किया जा रहा है शुभारंभ। किसी कार्यक्रम के लिए यहां से स्टील के बर्तन प्रतीकात्मक शुल्क पर लिए जा सकते हैं।
सरकारी स्तर पर लंबे समय से ‘सिंगल यूज प्लास्टिक’ और थर्मोकोल के उपयोग पर रोक लगाने की बात कही जाती है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती है। इस कारण इनका प्रयोग धड़ल्ले से हो रहा है। दूसरी बात यह भी है कि लोगों के पास प्लास्टिक का कोई सरल और सस्ता विकल्प भी नहीं है।
इस समस्या को देखते हुए झारखंड के गुमला में एक अनूठी पहल हुई है। गुमला नगर परिषद की ओर से राज्य का पहला ‘बर्तन बैंक’ खोला जा रहा है। इस ‘बर्तन बैंक’ की विशेषता यह है कि किसी भी शादी—विवाह या अन्य कार्यक्रमों के लिए नगर परिषद की ओर से सिर्फ एक रुपए पर स्टील के चार बर्तन दिए जाएंगे। इस अनोखी पहल की शुरुआत करने वाले हैं नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी संजय कुमार। हालांकि यह पहल छोटी—सी है, लेकिन पर्यावरण संरक्षण को देखते हुए इसे बड़ी पहल कह सकते हैं।
संजय कुमार ने बताया कि इस ‘बर्तन बैंक’ से लोग स्टील के बर्तनों को कुछ नियमों का पालन करके और प्रतीकात्मक शुल्क देकर इस्तेमाल के लिए ले जा सकते हैं। ‘बर्तन बैंक’ का संचालन महिला स्वयं सहायता समूह के माध्यम से किया जाएगा। इससे होने वाली आय का लाभ इसी समूह को मिलेगा।
संजय कुमार के अनुसार गुमला नगर परिषद क्षेत्र को पहले ही प्लास्टिक और थर्मोकोल मुक्त बनाया जा चुका है। इसके बाद भी मुख्य समस्या यह थी कि शादी या अन्य समारोहों में लोग पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले बर्तनों का उपयोग करते हैं। यह एक गंभीर समस्या है। इस समस्या पर वरिष्ठ अधिकारियों से बात की गई और उसके परिणामस्वरूप ‘बर्तन बैंक’ का जन्म हुआ।
संजय कुमार ने यह भी बताया कि गरीबी रेखा से नीचे के लोगों के लिए बर्तन नि:शुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे। बर्तन लेने वालों के सामने यह भी शर्त रखी जाएगी कि उनके आयोजन में किसी भी तरह के प्लास्टिक या थर्मोकोल के बर्तनों का उपयोग नहीं होगा।
इस ‘बर्तन बैंक’ के शुरुआती दौर में नगर परिषद की ओर से 1000 बर्तन सेट खरीदे जा रहे हैं। आने वाले दिनों में जैसे-जैसे इसकी मांग बढ़ती जाएगी वैसे-वैसे बर्तनों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी।
जिस व्यक्ति के नाम से बर्तन जाएंगे, उसी की यह जिम्मेदारी होगी कि कार्यक्रम की समाप्ति के बाद बर्तन अच्छी तरह साफ करके वापस किए जाएं।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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