इस्लामाबाद से आ रहे समाचारों से अमेरिका विशेषरूप से सतर्क हो गया है। उसने वहां अपने दूतावास में खतरे की घंटी बजा दी है और कहा है कि पााकिस्तान में कभी भी बड़ा फिदायीन हमला हो सकता है इसलिए दूतावास से जुड़ा कोई भी व्यक्ति भीड़भाड़ वाली जगहों पर न जाए। अमेरिकी दूतावास ने मैरिएट होटल में जाने से भी अपने स्टाफ को रोक दिया है।
इतना ही नहीं, अमेरिकी दूतावास ने अपने कर्मचारियों को समारोहों, इबादतगाहों में ज्यादा होशियार रहने को भी कहा है। उल्लेखनीय है कि अमेरिका की यह अतिरिक्त सतर्कता इस्लामाबाद में तीन दिन पहले हुए फिदायीन हमले के फौरन बाद देखने में आई है। स्पष्ट है कि अमेरिकी गुप्तचर एजेंसियों को ऐसी जानकारी मिली है जिसमें पाकिस्तान में आतंकी हमले होने का अंदेशा जताया गया है।
यह नया घटनाक्रम संभवत: अफगान तालिबान से संबद्ध आतंकवादी संगठन टीटीपी के हमलावर तेवरों के बाद देखने में आ रहा है। इस आतंकी संगठन ने पाकिस्तान सत्ता को चुनौती दी है कि वहां आतंकी घटनाओं में बढ़ोतरी होगी। पिछले कुछ समय से इस्लामाबाद और इस आतंकी गुट में अंदरखाने चली आ रही संघर्षविराम की कोशिशें नाकाम रही हैं। इसके बाद से ही टीटीपी के तेवर तीखे हुए हैं। हाल ही में एक बन्नू में एक पुलिसथाने पर कब्जा करके वहां कई पुलिस वालों को बंधक बनाने और कुछ की जान लेने की घटना भी देखने में आई थी।
अमेरिकी दूतावास इन्हीं सब प्रकरणों के साथ ही तीन दिन पहले इस्लामाबाद में हुए फिदायीन हमले के बाद से और सतर्क हो गया है। उसे आशंका है कि आतंकवादी विदेशी नागरिकों को निशाना बना सकते हैं। मैरिएट होटल में विदेशी नागरिकों के कार्यक्रम होते रहते हैं इसलिए दूतावास ने अपने स्टाफ को विशेषरूप से इस होटल में जाने से मना किया है।
अमेरिकी दूतावास ने जो सुरक्षा चेतावनी जारी की है उसमें कहा गया है कि अमेरिका की सरकार को इस ‘सूचना’ की जानकारी है कि कुछ अज्ञात लोग छुट्टियों के दौरान इस्लामाबाद के मैरियट होटल में अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाने का षड्यंत्र बना रहे हैं। इसीलिए दूतावास ने अपने सभी कर्मचारियों को कह दिया है कि शहर में रेड अलर्ट है। ऐसे में सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक लगी है। साथ ही, छुट्टियां भी हैं। इसे देखते हुए जहां तक हो दूतावास के कर्मचारी जरूरी न हो तो बाहर निकलने से बचें।
दूतावास ने सचेत करते हुए कहा है कि उसके कर्मचारह समारोहों, इबादतगाहों आदि स्थानों पर खास तौर पर होशियार रहें और भीड़भाड़ वाली जगहों पर न जाएं। जैसा पहले बताया, इस्लामाबाद में तीन दिन पहले एक फिदायीन हमला हुआ था जिसमें एक पुलिसकर्मी मारा गया था और छह अन्य घायल हुए थे।
इसके बाद ही इस्लामाबाद में सभी तरह की सभाओं, खासकर स्थानीय चुनावों से जुड़े क्रियाकलापों को दो सप्ताह के लिए रोक दिया है। इतना ही नहीं, राजधानी इस्लामाबाद में दो दिन का रेड अलर्ट भी घोषित किया गया था।
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