पाञ्चजन्य के सागर संवाद में पूर्व केंद्रीय मंत्री और गोवा से लोकसभा सांसद श्रीपद नायक ने पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी की यादों को मंच से जीवंत कर दिया। उन्होंने अटल जी के साथ अपने अनुभवों को साझा किया। उनसे पाञ्चजन्य के मंच पर पूछे गए सवाल पर कि अटल जी के साथ उनका जो संवाद रहा उसे वे कैसे देखते हैं। जिसपर श्रीपद नायक ने कहा की अटल जी की हर क्षेत्र में सीख थी, राजनीति किस तरह करनी है, समाज में किस तरह से रहना है, समाज को किस तरह बदलना है, वहीं कारण है कि आज गोवा में भाजपा की सरकार है।
श्रीपद नायक आगे कहते हैं कि संवाद में तो अटल जी का कोई तोड़ नहीं था। एक बार मैं कृषि में मंत्री था। गोवा आया था तो अटल जी का फोन आया, वे मुझे गोवा नरेश कहते थे। वे पूछते कि मंत्रालय कैसा चल रहा है, मैंने कहा कि ठीक है तो बोले की एचआरडी में जोशी जी आपको चाहते हैं। आप जाना चाहोगे। वे मुझे सीधे निर्देश दे सकते थे, लेकिन यह उनकी शैली थी, वे संवाद करते थे। ये उनके आदर्श ही हैं कि हम आज इतना आगे हैं।
उन्होंने कहा कि राजनीति किसके लिए है, इसकी परिभाषा यही तो है, आज हम पिछड़े हुए हैं क्योंकि जिस तरह विकास होना चाहिए उस तरह नहीं हुआ । उस समय उन्होंने उत्तर से दक्षिण तक पूर्व से पश्चिम तक राजमार्गों का जाल बिछा दिया था। आगे उन्होंने कहा कि मुझे कृषि से सड़क परिवहन में लगा दिया। उनकी सोच थी बुनियादी ढांचा मजबूत होगा तभी विकास होगा। अटल जी ने नींव डाली थी,आज घर दिख रहा है।
सभी मंत्रालयों में उन्होंने जान डाली हुई थी। आज जो हम कई स्कीम देखते हैं, रामायण सर्किट, अंबोडकर संस्कृति, यह आइडिया उनका ही था, देश की संस्कृति को जोड़ना, आध्यात्म को जोड़ना उनकी ही सोच थी। आज वह विचार सच साबित हो रहा है।
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