बिहार के वित्त मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने हाल ही में एक कार्यक्रम में बताया कि उन्होंने अपने बेटे और बेटी को विदेश में बसने की सलाह दी है। उनके इस बयान से बिहार में राजनीतिक भूचाल आ गया है। भाजपा ने कहा है कि सिद्दीकी सपरिवार पाकिस्तान चले जाएं तो बेहतर होगा।
उल्लेखनीय है कि सिद्दीकी के बेटे हार्वर्ड विश्वविद्वालय में पढ़ रहे हैं और बेटी लंदन स्कूल आफ इकोनोमिक्स में पढ़ रही है। सिद्दीकी ने अपने इन दोनों बच्चों को यह भी सलाह दी कि यदि विदेश में नौकरी और नागरिकता मिल रही हो, तो वहीं रहो, क्योंकि यहां की हालत बेहद खराब है। जब भाजपा ने उनकी इस बात को लेकर सवाल पूछे तो उन्होंने अपनी सफाई में कहा कि देश में बेरोजगारी को देखते हुए ऐसी बात कही थी, लेकिन लोग उनके इस तर्क से सहमत नहीं दिखते हैं। बिहार भाजपा के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा है कि जिस व्यक्ति को भारत और उसके संविधान में आस्था नहीं है, वह निश्चित रूप से देशद्रोही है। उन्होंने पूछा है कि सिद्दीकी इस तरह के बयान देकर अपने किन आकाओं को खुश करना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि एक नागरिक और सदन के सदस्य के नाते सारी सुविधाएं प्राप्त करके रोने वाले और जिस थाली में खाते हैं, उसी में छेद करने वाले सिद्दीकी सपरिवार पाकिस्तान चले जाएं तो बेहतर होगा।
उल्लेखनीय है कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से कुछ मुसलमान भारत को बदनाम करने वाले बयान देते रहे हैं। इसलिए लोग सिद्दीकी के इस बयान को उसी श्रेणी में रख रहे हैंं। कुछ वर्ष पहले अभ्रिनेता आमिर खान ने भी कहा था कि उनकी पत्नी को भारत में डर लग रहा है। उन्होंने कहा था, ”मैं देश में हो रही कुछ घटनाओं से परेशान हूं। जब पत्नी से बात करता हूं तो वह कहती हैं कि क्या हमें भारत से बाहर चले जाना चाहिए! उन्हें अपने बच्चों की चिंता है।” आमिर ने यह बयान तब दिया था जब तथाकथित ‘मॉब लिंचिंग’ में कुछ मुसलमान मारे गए थेे। लेकिन उन्हीें आमिर को उस समय डर नहीं लगा जब लखनउ में कमलेश्वर तिवारी की हत्या की गई। उन्हें उस समय भी डर नहीं लगा जब उदयपुर में कन्हैयालाल को बेरहमी से मारा गया। आमिर को उमेश कोल्हे की हत्या पर भी डर नहीं लगा। आमिर को उस समय भी डर नहीं लगा जब आफताब ने श्रद्धा की हत्या कर उसके शव के 36 टुकड़े कर दिए।
भारत में अभिनेता नशीरुद्दीन शाह को भी डर लगता है। वे सीएए और एनआरसी कानून का भी खुलकर विरोध करते हैं। नशीरुद्दीन शाह को मुगल भी बेहद पसंद हैं। उनका कहना है कि मुगलों ने इस देश को बहुत कुछ दिया है।
चाहे अब्दुल बारी सिद्दीकी हों, आमिर खान हों या नशीरुद्दीन शाह हों, इन सबको ‘बड़ा’ बनाने में सबसे ज्यादा योगदान हिंदुओं का ही है। इसके बावजूद इन्हें हिंदू—बहुल भारत में डर लग रहा है। यहां की हालत अच्छी नहीं लग रही है। जिन लोगों ने कभी तालिबान की निंदा तक नहीं की, उन्हें उस भारत में डर लग रहा है, जहां आतंकवादी भी डर से छुप रहे हैं।
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