उत्तराखंड में धामी सरकार ने भ्रष्टाचार में घिरे अधिकारियों पर अपना शिकंजा कसने का अभियान तेज कर दिया है। वन विभाग के चर्चित भ्रष्ट पूर्व आईएफएस किशन चंद की पुलिस को तलाश है। प्रशासन ने उनके फरार रहने पर उनकी संपत्तियों को कुर्क करने के लिए नोटिस चिपका दिया है।
टाइगर रिजर्व में अवैध रूप से काम करवाकर अपनी काली कमाई करने वाले आईएफएस डीएफओ किशन चंद के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले सिद्ध हुए हैं। अपने को सरकारी शिकंजे में घिरता देख वो वीआरएस लेकर राज्य से फरार हो गए। पिछले तीन सालों से उन पर दर्ज मामले की जांच चल रही थी और वो अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए न्यायालय के चक्कर काटते रहे, किंतु उन्हें कहीं राहत नहीं मिली।
आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसे पूर्व डीएफओ किशन चंद पर कुर्की की तलवार लटक गई है। किशन चंद की तलाश में यूपी से दिल्ली तक छापेमारी करने के बाद विजिलेंस की टीम ने हरिद्वार स्थित किशन चंद के घर पहुंचकर मुनादी करते हुए घर पर नोटिस चिपका दिया। नोटिस के अनुसार 13 जनवरी को कोर्ट में हाजिर न होने पर किशन चंद की संपत्ति कुर्क की जाएगी।
गौरतलब है की पूर्व आईएफएस किशन चंद पर आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के आरोप में मुकदमा दर्ज है। विजिलेंस की टीम आरोपी किशन चंद की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है, लेकिन किशन चंद अभी तक विजिलेंस की पकड़ से बाहर हैं। पिछले दिनों किशन चंद के एक सनातनी अखाड़े से जुड़े होने के भी समाचार आए थे, बाद में अखाड़े द्वारा उनसे संबंध तोड़ लिए गए। बहरहाल उत्तराखंड एसटीएफ को उनकी गिरफ्तारी की जिम्मेदारी दी गई है। विजलेंस, ईडी, एसटीएफ तीनों ने इस आईएफएस के पास से करोड़ों की अघोषित संपत्ति होने के आरोप तय किए हुए हैं।
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