आगामी फरवरी में उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट का आयोजन होने जा रहा है। प्रदेश में विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए मंत्रियों एवं अधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल कई देशों के दौरे पर है। प्रदेश के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी और यूपीसीडा के सीईओ मयूर माहेश्वरी का ऑस्ट्रेलिया एवं सिंगापुर का दौरा बेहद सफल रहा। दोनों देशों के दौरे से प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश के द्वार खुले हैं। डाटा सेंटर, लॉजिस्टिक हब, आईटी एवं शिक्षा आदि क्षेत्रों में लगभग 15 हजार करोड़ रुपये के निवेश के लिए कंपनियों ने करार किए हैं। कई कंपनियों ने प्रदेश में निवेश के लिए इच्छा जाहिर की है।
सीईओ रितु माहेश्वरी के मुताबिक यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए ऑस्ट्रेलिया एवं सिंगापुर में बड़ी सफलता हासिल हुई है। यहां की कंपनियां प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश की इच्छा जता रही हैं। यह निवेश इन्फार्मेशन टेक्नोलॉजी और इन्फार्मेशन टेक्नोलॉजी इनबिल्ड सर्विसेज से जुड़े केंद्रों के जरिए होगा। ऑस्ट्रेलिया एवं सिंगापुर से प्रदेश में निवेश के लिए कई बड़े करार भी हुए हैं। कई कंपनियों ने करार के लिए इच्छा जाहिर की है। मसलन, सिंगापुर के एसएलजी कैपिटल ग्रुप ने प्रदेश में करीब 8300 करोड़ रुपये निवेश के लिए करार किए हैं। ग्रुप ने डाटा सेंटर एवं आईटी क्षेत्र में निवेश की इच्छा जाहिर की है। इसी तरह सिंगापुर के ग्लोबल स्कूल फाउंडेशन ने भी प्रदेश में करीब 100 करोड़ रुपये के निवेश के लिए करार किए हैं। सिंगापुर की कंपनियों के साथ लॉजिस्टिक, डाटा सेंटर व आईटी-आईटीईएस क्षेत्र में निवेश के 4100 करोड़ रुपये के करार हुए हैं।
मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, अपर मुख्य सचिव शिक्षा दीपक कुमार, अपर मुख्य सचिव तकनीकी शिक्षा सुभाष कुमार, नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी व यूपीसीडी के सीईओ मयूर माहेश्वरी की मौजूदगी में करार पर हस्ताक्षर किए गए। इसके अलावा लॉजिस्टिक्स, डाटा सेंटर और कौशल विकास पर फोकस कई और निवेश भी आएंगे। कई कंपनियों ने इन क्षेत्रों में विकास की अपार संभावनाओं को देखते हुए निवेश की इच्छा जाहिर की है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आमंत्रित करने के लिए सिंगापुर के व्यापार एवं उद्योग मंत्री के साथ भारतीय प्रतिनिधिमंडल दल ने बैठक की और कंपनियों को उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सहयोग मांगा। प्रतिनिधिमंडल ने एंटरप्राइज सिंगापुर के सहयोग से आयोजित एक गोलमेज सम्मेलन में भी हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में 20 से अधिक बड़ी कंपनियां शामिल रहीं।
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