काबुल में बंदूक के दम पर सत्ता संभालने में इस्लामी तालिबान लड़ाकों का मददगार पाकिस्तान अब उसी ‘दोस्ती’ का नतीजा भुगतने को विवश है। कभी किसी के हमदर्द नहीं रहे तालिबान ने पाकिस्तान की सेना और तंत्र का पूरा फायदा उठाते हुए अगस्त 2021 में काबुल को कब्जाया था और पूरे अफगानिस्तान में अपना राज जमाया था, सिवाय पंजशीर इलाके के। लेकिन अब वे इस्लामी लड़ाके पाकिस्तान की नाक में नकेल कसे हुए हैं।
सीमा के पार से आ रहे ताजा सामचारों के अनुसार, पाकिस्तानी फौज और तालिबान लड़ाकों के बीच तलवारें खिंची हुई हैं। दोनों के बीच जबरदस्त गोलाबारी चल रही है, जिसमें अभी तक 10 लोग मारे जा चुके हैं और 40 से ज्यादा जख्मी बताए जा रहे हैं। दोनों इस्लामी ‘हमजोलियों’ के बीच ये जंग पाकिस्तान—अफगानिस्तान के बीच मौजूद चमन सीमा पर चल रही है। तनाव अभी भी पूरे चरम पर है जिसके और बढ़ने का खतरा मंडरा रहा है।
दरअसल, पाकिस्तान की फौज तथा अफगानिस्तान में सत्ता कब्जाए बैठे तालिबान लड़ाकों के बीच तनातनी तब शुरू हुई थी जब अफगानिस्तान के सीमांत शहर स्पिन बोल्डक में पाकिस्तान की तरफ से आया एक मोर्टार गिरा था जिसमें चार लोगों की देखते ही देखते मौत हो गई थी, जबकि 20 अन्य घायल हुए थे। इसका उत्तर देते हुए तालिबान लड़ाकों ने पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच की चमन सीमा के निकट जबरदस्त हमला बोल दिया। तालिबान लड़ाकों ने गोलियां दागनी शुरू कर दीं जिसमें पाकिस्तान के छह नागरिक ढेर हो गए जबकि 17 जख्मी हुए।
तनातनी तब शुरू हुई थी जब अफगानिस्तान के सीमांत शहर स्पिन बोल्डक में पाकिस्तान की तरफ से आया एक मोर्टार गिरा था जिसमें चार लोगों की देखते ही देखते मौत हो गई थी, जबकि 20 अन्य घायल हुए थे। इसका उत्तर देते हुए तालिबान लड़ाकों ने पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच की चमन सीमा के निकट जबरदस्त हमला बोल दिया।
इस प्रकरण पर पाकिस्तान की फौज ने बयान जारी करके अपना ‘उजला’ पक्ष सामने रख दिया। बयान में कहा गया कि पाकिस्तानी फौज ने जब तालिबान के भेजे लड़ाकों को सीमा पर चौकियां बनाने से रोकने की कोशिश कि तो दोनों पक्षों में गर्मागर्मी हो गई। पाकिस्तान की फौज का कहना है कि जयदा देर नहीं लगी कि तालिबानी लड़ाकों ने पाकिस्तान की सीमा पर भयानक हथियारों से हमला बोल दिया।
ये चमन सीमा पर आखिर बार बार तनाव क्यों उठता रहा है, इसकी जड़ में जाएं तो पता चलता है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच डूरंड रेखा की सीमा है। पाकिस्तान इसे सीमा की हद मानता आया है, लेकिन दूसरी तरफ, तालिबान का कुछ और मानना है। उसका कहना है कि पाकिस्तान का खैबर पख्तूनख्वा सूबा भी अफगानिस्तान का हिस्सा है। एक वजह और है। पाकिस्तान ने सीमा पर अपनी तरफ कांटेदार तार लागए हैं। इससे तालिबान लड़ाके और चिढ़े हुए हैं।
डूरंड रेखा पर वर्तमान तनाव के बढ़ने के आसार लग रहे हैं। प्राप्त समाचारों के अनुसार, पाकिस्तान ने अपने और फौजी वहां भेजे हैं, उधर अफगानिस्तान की तरफ से भी किसी ढील के आसार नहीं दिख रहे हैं। तालिबान ने भी विवाद बढ़ता देख डूरंड रेखा पर अपने लड़ाकों की संख्या बढ़ा दी है।
सोशल मीडिया पर डूरंड रेखा पर हो रही गोलाबारी के कई वीडियो साझा हुए हैं। वहां से धुंए के गुबार उठते देखे जा सकते हैं। धुंए का काला बादल बता रहा है कि संघर्ष बहुत भीषण छिड़ा हुआ है। अगर यह और बढ़ता है तो इस क्षेत्र में शांति भंग हो सकती है।
टिप्पणियाँ