गुजरात के चुनाव परिणामों ने देश की राजनीति में एक नया मानदंड स्थापित कर दिया है। 27 वर्ष से चली आ रही सरकार को फिर आने के लिए गुजरात के मतदाताओं की ऐसी गर्जना के निहितार्थों को समझने की आवश्यकता है। गुजरात में एक पूरी पीढ़ी ऐसी है, जो कांग्रेस की छाया में भी जन्म से ही मुक्त है।
गुजरात ने यह उपलब्धि जिस स्तर की राजनीतिक एकजुटता और गतिशीलता का परिचय देकर प्राप्त की है— एक बड़े राज्य में लगभग 53 प्रतिशत मत और समाज के हर वर्ग से समान समर्थन — वह असाधारण है। स्थिति यह है कि देश के दूसरे छोर पर स्थित पश्चिम बंगाल के सत्तारूढ़ दल को गुजरात परिणाम देखकर भयभीत होना पड़ रहा है।
यह गुजरात मॉडल—2 है। राजनीतिक इच्छाशक्ति का मॉडल। निश्चित रूप से यह भी पूरे देश की गति को प्रेरित करेगा
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