भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और एकीकृत रक्षा स्टाफ ने शुक्रवार को संयुक्त रूप से हाइपरसोनिक वाहन का परीक्षण किया है। इस दौरान हाइपरसोनिक वाहन ने परीक्षण के लिए तय किये गए सभी आवश्यक पैरामीटर हासिल करके उच्च क्षमता का प्रदर्शन किया। इस सफल परीक्षण के बाद भारत के रक्षा क्षेत्र को और अधिक मजबूती मिलेगी। खासकर पाकिस्तान और चीन की चालबाजी को नाकाम करने के लिए यह अहम हथियार साबित होगा।
अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित हाइपरसोनिक वाहन अंतरिक्ष में तेजी से पहुंचकर लंबी दूरी पर सैन्य प्रतिक्रिया देने में सक्षम है। यह हाइपरसोनिक वाहन हवाई जहाज, अंतरिक्ष यान या मिसाइल हो सकता है। भारत अपने हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल प्रोग्राम के हिस्से के रूप में एक स्वदेशी, दोहरी-सक्षम हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल भी विकसित कर रहा है। यह मिसाइल पारंपरिक हथियारों के साथ-साथ परमाणु हथियारों को भी दागने में सक्षम होगी।
क्या है हाइपरसोनिक मिसाइल
हाइपरसोनिक मिसाइल मैक 5 यानी आवाज की गति (343 मीटर/सेकंड) से 5 गुना ज्यादा या उससे भी ज्यादा स्पीड से टारगेट की ओर बढ़ती हैं। ये एक घंटे में करीब 6,200 किलोमीटर की यात्रा कर सकती है। परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम हाइपरसोनिक मिसाइल बहुत कम ऊंचाई पर भी आम बैलेस्टिक और क्रूज मिसाइल से ज्यादा गति से उड़ान भर सकती हैं। अपनी यात्रा के दौरान ये दिशा भी बदल सकती हैं, यानी आम मिसाइल की तरह लक्ष्य निर्धारित तय रास्ते पर ही नहीं चलती है।
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