दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली महिला आयोग (डीडब्ल्यूसी) में नियुक्तियों में गड़बड़ियों के मामले में आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल समेत चार आरोपितों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया है। स्पेशल जज दिग विनय सिंह ने ये आदेश दिया।
कोर्ट ने स्वाति मालीवाल के अलावा जिन लोगों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया है उनमें आयोग की सदस्य प्रोमिला गुप्ता, सारिका चौधरी और फरहीन मलिक शामिल हैं। कोर्ट ने चारों आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 (बी) और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13 (2), 13(1)(डी) के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया।
दरअसल, एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) से पूर्व विधायक बरखा शुक्ला ने 11 अगस्त 2016 को शिकायत कर आरोप लगाया था कि दिल्ली महिला आयोग में नियमों को दरकिनार कर आम आदमी पार्टी से जुड़े लोगों को नियुक्त किया गया। शिकायत में आयोग में नियुक्त हुए तीन लोगों के नाम बताए गए थे, जो आप से जुड़े थे। एसीबी को दी गई शिकायत में आप से जुड़े 85 लोगों की सूची भी दी गई थी, जिनकी नियुक्ति आयोग में होने का दावा किया गया था। इस पर प्रारंभिक जांच के बाद एसीबी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज किया था।
स्वाति मालीवाल को बर्खास्त करे आप सरकार : सिरसा
दिल्ली प्रदेश भाजपा नेता मंजिंदर सिंह सिरसा ने मांग की है कि कोर्ट द्वारा दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष के खिलाफ आरोप तय होने के बाद दिल्ली सरकार को स्वाति मालीवाल को तुरंत प्रभाव से बर्खास्त करना चाहिए।
सिरसा ने ट्वीट में दिए वीडियो में कहा कि आम आदमी पार्टी और उनके नेता के भ्रष्टाचार के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। लेकिन किसी ने यह नहीं सोचा होगा की पार्टी का छोटा से छोटा कार्यकर्ता भी इतना भ्रष्ट है। आप एक कट्टर बेईमान पार्टी है। स्वाति मालीवाल पर कोर्ट ने आरोप तय किए हैं। ऐसे में स्वाति मालीवाल को दिल्ली महिला आयोग का अध्यक्ष रहने का कोई अधिकार नहीं है। अरविंद केजरीवाल को मामले में सामने आना चाहिए और तुरंत प्रभाव से मालीवाल को बर्खास्त करना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली के एक कोर्ट ने दिल्ली महिला आयोग में नियुक्तियों के मामले में स्वाति मालीवाल पर आरोप तय किए हैं। कोर्ट ने प्रथम दृष्टया माना है कि आप के कार्यकर्ताओं की आयोग में अनियमित ढंग से नियुक्तियां की गई है।
अपने पद से इस्तीफा दें स्वाति मालीवाल : अलका लांबा
वहीं इस मामले को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता अलका लांबा ने स्वाती मालीवाल के इस्तीफे के मांग की है। साथ ही केजरीवाल पर तंज कसते हुए पूछा कि क्या आप की नैतिकता महज एक जुमला है।
अलका लांबा ने कहा कि अगस्त 2015 से अगस्त 2016 में डीसीडब्ल्यू ने कुल 87 नियुक्तियां कीं। इसमें से 71 अनुबंध आधारित थी और शेष “डायल 181” सेवा में की गई थी। इन कुल 87 नियुक्तियों में 20 लोग सीधे तौर पर आम आदमी पार्टी से जुड़े पाए गए हैं। इनकी नियुक्तियों में नियमों और प्रक्रिया को ताक पर रखा गया था और भ्रष्टाचार विरोधी शाखा ने जांच के आधार पर एफआईआर दर्ज की थी।
उक्त एफआईआर का संज्ञान लेते हुए राउज एवेन्यू कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि डीसीडब्ल्यू में नियुक्तियों के दौरान नियम और प्रक्रियाओं की धज्जियां उड़ाते हुए अपने सगे संबंधियों को मौका दिया गया। जनता के पैसे से उनकी तनख्वाह का भुगतान हुआ।
उन्होंने कहा कि कोर्ट ने आदेश में यहां तक कहा कि आरोपित ये नहीं कह सकते कि उन्होंने अपने और आम आदमी पार्टी के निकटवर्ती लोगों की नियुक्तियों में अपने अधिकार का गलत इस्तेमाल कर उन्हें आर्थिक लाभ नहीं पहुंचाया। कोर्ट ने दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल और अन्य के खिलाफ आईपीसी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप तय करने का आदेश पारित किया है।
अलका लांबा ने कहा कि कोर्ट द्वारा पारित आदेश आप के भ्रष्टाचार को उजागर करता है। रोज जनता को भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की बात कहने वाले केजरीवाल और उनके नेता अब क्यों चुप हैं। उनके एक के बाद एक नेता भ्रष्टाचार के विभिन्न मामलों में जांच के दायरे में आते जा रहे हैं, लेकिन हमेशा दूसरों पर आरोप लगाकर बाद में माफी मांगनेवाले केजरीवाल खुद के नेताओं के भ्रष्टाचार पर चुप्पी साध लेते हैं।
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