धार्मिक कट्टरता और भड़काऊ शिक्षा सहित हिंदू विरोधी विवादित किताब से पढ़ाई को लेकर इंदौर शासकीय विधि महाविद्यालय में शनिवार को जमकर विवाद हुआ। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और विद्यार्थियों ने हंगामा करते हुए प्राचार्य के इस्तीफे की मांग की। हंगामे के बाद प्राचार्य डॉ. ईनामुर्रहमान ने अपना इस्तीफा उच्च शिक्षा विभाग आयुक्त को भेज दिया।
इस मामले को लेकर भंवरकुआं थाना में लेखिका डॉ. फरहत खान, किताब के प्रकाशक अमर क्षेत्रपाल, प्राचार्य डॉ. इमामूल रहमान और प्राध्यापक मिर्जा मौज़िद- चारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इन सभी पर में धारा 153 (क), 295(क) 505 के तहत मामला दर्ज हुआ है। छात्र लकी आदिवाल ने इन सभी के खिलाफ केस दर्ज करवाया है।
गौरतलब है कि शासकीय विधि महाविद्यालय महाविद्यालय के छह प्रोफेसरों के खिलाफ गत दिनों संप्रदाय विशेष के खिलाफ विद्यार्थियों को भड़काने के मामले में प्रकरण दर्ज हुआ था। इसके बाद महाविद्यालय की लाइब्रेरी में अब विवादित पुस्तक मिली हैं। लेखिका डॉ. फरहत खान द्वारा लिखी पुस्तक (सामूहिक हिंसा एवं दांडिक न्याय पद्धति) में हिंदुओं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और विश्व हिंदू परिषद के खिलाफ आपत्तिजनक अंश लिखे गए हैं। कुछ ऐसी पंक्तियां हैं, जिसमें हिंदुओं व हिंदूवाद से जुड़ी संस्थाओं को धर्म के आधार पर भड़काने का जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इस मामले में अब शासन ने हस्तक्षेप किया है। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने विभाग के अपर मुख्य सचिव को मामले की जांच सौंपी है।
यह भी पढ़े – मार्क्स का दबाव बनाकर रात में पब और डिस्को में बुलाते है प्रोफेसर
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा है कि इंदौर के शासकीय विधि महाविद्यालय में धार्मिक कट्टरता फैलाने के मामले में छह शिक्षकों की भूमिका के साथ ही विवादित व आपत्तिजनक अंशों वाली पुस्तक की भी जांच की जाएगी। यह पुस्तक एक निजी प्रकाशन की बताई जा रही है। इन सभी मामलों में जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस बीच छात्र नेताओं ने भंवरकुआं थाने पहुंचकर आपत्तिजनक पुस्तक के मामले में एफआईआर दर्ज कराने की मांग करते हुए आवेदन भी दिया। कहा जा रहा है कि कॉलेज प्रबंधन ने इस पुस्तक को खरीदा था और यह पुस्तक वहां की लाइब्रेरी में उपलब्ध है।
गौरतलब है कि विधि महाविद्यालय के प्रोफेसरों पर हिंदू विरोधी गतिविधियां कराए जाने का आरोप है। इसे लेकर बीते गुरुवार को भी अभाविप ने प्रदर्शन किया था। इसके बाद कॉलेज प्रबंधन ने छह प्रोफेसर को पांच दिन के लिए कार्यमुक्त कर दिया था। परिषद के छात्र नेताओं का आरोप है कि महाविद्यालय के प्रोफेसर कॉलेज में कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का विरोध करते थे, वहीं राष्ट्र और भारतीय सेना के विरोध की बातें भी करते थे। इसके अलावा प्रोफेसर कॉलेज की छात्राओं को अकेले में मिलने को कहते थे। इस पूरे मामले पर प्रदेश सरकार नाराज है। ऐसे में इन छह प्रोफेसरों का तबादला होना भी तय माना जा रहा है।
विधि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. रहमान का कहना है कि छात्र नेताओं द्वारा की गई शिकायत व आरोपों पर निष्पक्ष जांच कराई जा रही है। शासन ने भी इस मामले की जांच के लिए कमेटी बनाई है। कॉलेज प्रबंधन द्वारा जांच समिति को सारी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
किताब में लिखे इन विवादित अंशों को लेकर मच रहा बवाल
इधर, विधि महाविद्यालय की जिस किताब में आपत्तिजनक लेख मिले हैं, उसका नाम “सामूहिक हिंसा एवं दांडिक न्याय पद्धति” है. इस किताब की लेखिका डॉ. फरहत खान है। किताब में धारा 370, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सहित अन्य हिन्दू संगठन को लेकर आपत्तिजनक लेख लिखे हैं।
टिप्पणियाँ