सखोई और हरक्यूलिस विमान आगरा के आकाश पर मंडरा रहे है। ऐसा इस लिए हो रहा है कि भारत और आसियान के दस देशों के वायुसेना और सेना के अधिकारी, जवान आपदा के दौरान राहत कार्य करने के अपने अनुभव साझा कर रहे है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस अभ्यास पखवाड़े का शुभारंभ करते हुए कहा कि सेना वायुसेना को केवल युद्ध के लिए ही नहीं बल्कि प्राकृतिक संकट से जूझने के लिए भी तैयार रहना चाहिए। आसियान देशों में अक्सर सुनामी, भूकंप और अन्य आपदाएं आती रही है इनमे सेना को मदद के लिए बुलाया जाता है, हम सभी देश मिलकर अपने आपदा के अनुभवों को साझा कर रहे है और एक दूसरे के साथ सहयोग कर प्रशिक्षण ले रहे है।
इस अभ्यास कैंप में सीडीएस अनिल चौहान, तीनो सेनाओं के प्रमुख भी शिरकत करेंगे और आपदा चुनौतियों से निपटने के लिए एक रणनीति बनाएंगे।
विंग कमांडर इंद्रनील नंदी ने बताया कि वायुसेना के सत्र में हम सुखोई, हरक्यूलिस, विमानों का भी उपयोग कर रहे है। वायुसेना जल सेना और थल सेना किस तरह तालमेल कर आपदा से निपटी है इस बारे में एक रोडमैप बनाया जायेगा और सभी आसियान देश एक दूसरे की मदद करें इस बारे में विचार विमर्श किया जा रहा है।
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