वाणिज्य कर विभाग के डिप्टी कमिश्नर को गिरफ्तार कर लिया गया। डिप्टी कमिश्नर पर ढाई करोड़ रुपये के गबन का आरोप है। उत्तर प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) ने डिप्टी कमिश्नर को लखनऊ में गिरफ्तार किया है। डिप्टी कमिश्नर मुन्नी लाल करीब 17 वर्ष पहले बिजनौर जनपद में तैनात थे। उस समय उन पर यह आरोप लगा था कि व्यापार कर में धांधली की गई है। उसके बाद इस मामले की जांच ईओडब्ल्यू को दी गई थी। ईओडब्ल्यू ने जांच में यह पाया कि डिप्टी कमिश्नर ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए व्यापार कर में धांधली की थी।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के बिजनौर जनपद से उत्तराखंड की सीमा लगी हुई है। दोनों प्रदेशों की सीमा पर स्थित चेकपोस्ट पर मुन्नी लाल की तैनाती थी। बिहार, झारखंड, उड़ीसा एवं अन्य प्रदेशों से आने वाले भारी वाहनों के कागजात की चेकिंग उसी चेकपोस्ट पर होती थी। जानकारी के अनुसार हर मालवाहक वाहन पर जो कर लगता था उसका आधा उत्तर प्रदेश को और आधा उत्तराखंड को मिलता था। ईओडब्ल्यू की जांच में पाया गया कि मुन्नी लाल ने कुछ लोगों से सांठगांठ करके मालवाहक वाहनों के कागजात में हेर फेर किया था। इस तरह से उत्तर प्रदेश सरकार को करीब ढाई करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
उल्लेखनीय है कि योगी सरकार लगातार भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई कर रही है। निलम्बित आईपीएस अधिकारी मणि लाल पाटीदार ने फरार रहने के बाद न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। मणि लाल पाटीदार करीब डेढ़ वर्ष से फरार चल रहे थे। फरार रहने के कारण उत्तर प्रदेश सकरार ने उनके सिर पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। मणि लाल पाटीदार ने लखनऊ के अपर जिला सत्र न्यायाधीश/ भष्टाचार निवारण अधिनियम के न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। न्यायालय ने अभियुक्त मणि लाल पाटीदार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अभियुक्त मणि लाल पाटीदार के खिलाफ आरोप है कि महोबा जनपद का पुलिस अधीक्षक रहने के दौरान क्रशर कारोबारी इन्द्रकांत त्रिपाठी को आत्महत्या के लिए उकसाया था। पुलिस की धन उगाही के कारण क्रशर कारोबारी की मौत हो गई थी।
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