फिर शरारत पर उतरी मार्क्सवादी सरकार, परंपरा के विरुद्ध युवतियों को भी सबरीमला मंदिर में देगी प्रवेश!
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

फिर शरारत पर उतरी मार्क्सवादी सरकार, परंपरा के विरुद्ध युवतियों को भी सबरीमला मंदिर में देगी प्रवेश!

2018 में भी केरल सरकार ने जिस तरह हिन्दू आस्था को अपमानित किया था, भाजपा और अन्य हिंदू संगठन उसे भूले नहीं हैं। तब भी कामरेड पिनरई विजयन के नेतृत्व वाली केरल सरकार ने युवा महिलाओं को मंदिर में प्रवेश कराने का षड्यंत्र रचा था

by टी. सतीशन
Nov 19, 2022, 02:00 pm IST
in भारत, केरल
सबरीमला मंदिर बाएं के संदर्भ में केरल सरकार द्वारा प्र​काशित विवादित हैंडबुक

सबरीमला मंदिर बाएं के संदर्भ में केरल सरकार द्वारा प्र​काशित विवादित हैंडबुक

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

केरल में कामरेड पिनरई विजयन के नेतृत्व वाली मार्क्सवादी सरकार एक बार फिर से हिन्दू आस्थाओं और परंपराओं का अपमान करने पर तुली दिख रही है। सबरीमाला मंदिर में दर्शनार्थियों को लेकर जो परंपरा रही है उसे वह किसी भी तरह ध्वस्त करने पर आमादा दिख रही है। उल्लेखनीय है कि 2018 में युवितयों के मंदिर में प्रवेश को लेकर मंदिर की प्राचीन परंपराओं और श्रद्धालुओं की आस्थाओं को कुचलते हुए पिनरई सरकार ने वर्जित आयुवर्ग की महिलाओं को जबरन मंदिर में प्रवेश कराने का असफल षड्यंत्र रचा था। लेकिन एकजुट हिन्दू समाज के विरोध के आगे वह इसमें सफल नहीं हो पाई थी। अब एक बार फिर उसकी यह कोशिश है कि ‘कायदों’ की आड़ में वह इस विश्वविख्यात मंदिर के कायदों को मसल दे।

संभवत: नई साजिश के तहत केरल की हिन्दू विरोधी कामरेड सरकार ने मंदिर की व्यवस्थाओं में तैनात पुलिस बल के लिए गृह मंत्रालय, केरल सरकार की हैंडबुक या कायदा पुस्तिका में पहले बिन्दु के अंतर्गत यह लिखवाया कि ‘सभी तीर्थयात्रियों को सबरीमाला जाने की अनुमति दी जानी चाहिए’। उसने कथित रूप से ऐसा कायदा सर्वोच्च् न्यायालय के फैसले संख्या 28/9/2018 डब्ल्यूपी(सी) 373/2016 के तहत बनाया है। इसमें लिखा है, “सभी तीर्थयात्रियों को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति है”। केरल सरकार की यह हैंडबुक स्पष्ट रूप से ‘युवा महिलाओं’ को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति का उल्लेख करती थी। हैंडबुक स्पष्ट रूप से कहती थी, 28.9.2018 के सर्वोच्च न्यायालय फैसले के प्रकाश में सभी को मंदिर में प्रवेश की अनुमति है। इस हैंडबुक में कई अन्य जानकारियों का भी उल्लेख था, जैसे पुलिस से कैसे व्यवहार करने की उम्मीद की जाती है, कर्तव्य बिंदुओं की विशेषताएं क्या हैं, पूजा का समय, सन्निधानम (मंदिर परिसर) में स्थान की व्यवस्था करना आदि। लेकिन इन सबसे पहले, युवतियों को प्रवेश करने देने का बिन्दु था।

हालांकि यह एक गोपनीय पत्रक था, लेकिन यह किसी तरह मीडिया के हाथों तक पहुंच गया और जनम टीवी ने इसे प्रसारित भी कर दिया। इसके प्रसारण के बाद हिन्दू समाज आक्रोश में आ गया। भाजपा अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने फौरन बयान दिया कि भाजपा और अन्य हिंदू संगठन 2018 में केरल सरकार ने जिस तरह हिन्दू आस्था को अपमानित किया था, उसे भूले नहीं हैं।
उल्लेखनीय है कि उन दिनों इन्हीं कामरेड पिनरई विजयन के नेतृत्व वाली केरल सरकार ने हिन्दू श्रद्धालुओं के प्रतिरोध को धता बताते हुए युवा महिलाओं को मंदिर में प्रवेश कराने का षड्यंत्र रचा था और पूरी कोशिश की थी कि मंदिर की परंपराएं ध्वस्त हो जाएं। लेकिन आस्थावान हिंदू महिलाओं ने पार्टी प्रतिबद्धताओं से परे, पूरे राज्य सहित देश के विभिन्न स्थानों, यहां तक ​​कि विदेशों में भी विरोध रैलियां आयोजित की थीं। इन विरोध रैलियों पर कई स्थानों पर माकपा के गुंडों ने हमले किए थे।

सबरीमला मंदिर में परंपरा से 10 से 50 वर्ष तक की आयु की महिलाओं को दर्शन के लिए आने की अनुमति नहीं है। लेकिन, 2018 के विशेष तीर्थयात्रा के दिनों में केरल सरकार ने पुलिस सुरक्षा के साथ कुछ युवतियों के मंदिर में जबरन प्रवेश कराने की कोशिश की। लेकिन, श्रद्धालुओं ने इसका कड़ा विरोध किया। आखिरकार विवादास्पद छवि वाली दो युवतियों को पुलिस ने 1 जनवरी, 2019 की तड़के मंदिर के पिछले प्रवेश द्वार से अंदर ले जाने में सफल हो गई थी। इसके विरोध में उतरे भाजपा नेता के. सुरेंद्रन को गिरफ्तार कर लिया गया था, हालांकि वह सभी तरह से उचित तरीके से सबरीमला मंदिर में जा रहे थे। उन्हें कई हफ्तों के लिए जेल में बंद किया गया था। इतना ही नहीं, हिन्दू श्रद्धालुओं के प्रतिरोध आंदोलन को कुचलने के लिए हजारों लोगों को झूठे आरोपों के तहत मुकदमों में फंसा दिया गया। सैकड़ों को गिरफ्तार किया गया। कई लोगों को उनकी नौकरी से निलंबित कर दिया गया था। पुलिस की हिंसक कार्रवाई में सैकड़ों श्रद्धालुओं को गंभीर चोटें आई थीं। श्रद्धालुओं को ‘सबक’ सिखाने के लिए माकपा की युवा शाखा डीवाईएफआई के अपराधी तत्वों को पुलिस की वर्दी में तैनात किया गया था।

इतना ही नहीं, राज्य की कम्युनिस्ट सरकार ने केरल के उत्तरी से दक्षिणी छोर तक ‘समानता की मांग’ करने वाली कुछ महिलाओं से “महिला दीवार” बनवाई। इस पर बताते हैं 50 करोड़ रुपये खर्च किए गए। उनकी मांग भी कि परंपराओं के विरुद्ध युवा महिलाओं को भी सबरीमला ​मंदिर में जाने दिया जाए। लेकिन वह साजिश भी पूरी तरह विफल रही थी।

लेकिन इसके विपरीत सबरीमला संरक्षण परिषद द्वारा आयोजित दीप प्रज्ज्वलनम् अभियान को जबरदस्त सफलता मिली थी। श्रद्धालुओं ने उत्तरी कासरगोड से दक्षिणी में कलियिक्कविला तक अटूट पंक्ति बनाई थी। लोग हाथ में दीए लेकर खड़े हुए थे। यह देखकर कम्युनिस्ट सेकुलर सरकार ने उस वक्त अपने शैतानी कदम पीछे खींच लिए थे।

हैंडबुक के माध्यम से एक बार फिर परंपराओं पर कुठाराघात की इस नई चाल पर भाजपा नेता सुरेंद्रन और हिंदू ऐक्य वेदी की अध्यक्ष श्रीमती शशिकला टीचर ने स्पष्ट रूप से कहा है कि हिंदू समाज राज्य की वाममोर्चा सरकार को 2018 में रचे गए कुचक्र को दोहराने की अनुमति नहीं देगा। दबाव बढ़ता देखकर राज्य के माकपा नेता और देवासम मंत्री के.राधाकृष्णन ने मीडिया को कहा है कि हैंडबुक एक नियमित रूप से जारी होने वाली चीज है। इसके जरिए मंदिर की परंपरा में बाधा डालने का सरकार का कोई इरादा नहीं है। लेकिन भाजपा के जबरदस्त दबाव के बाद, सरकार ने हैंडबुक को वापस कर लिया है।

माकपा समझ गई है कि हिंदू संगठनों का समाज पर गहरा प्रभाव है, इसलिए पार्टी ने कहा कि वह युवा महिलाओं के मंदिर प्रवेश का उल्लेख करने वाले उक्त हैंडबुक के खंड को अस्वीकार करती है।

लेकिन राज्य के हिन्दू आस्थावान और समाज सतर्क है। वह जानता है कि कम्युनिस्ट सरकार की कथनी और करनी में भेद होता है। सरकार गुपचुप कोई तरीका खोज सकती है जिससे हिन्दू समाज की परंपराओं पर चोट हो सके। इसलिए सभी हिन्दू संगठन भी सरकार के फैसलों पर गहरी नजर रखे हुए हैं।

Topics: केरलcomKeralapinraivijayanhinduaikyavediLDFमार्क्सवादीकामरेडहैंडबुकसबरीमलापिनरई विजयन#hindusabrimalaTempletraditionpoliceentrywomenhandbookBJP
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Supreme court OBC reservation

केरल की निमिषा प्रिया को यमन में फांसी पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई, केंद्र से जवाब तलब

आरोपी मौलाना जलालुद्दीन उर्फ छांगुर

बलरामपुर: धर्म की भूमि पर जिहादी मंसूबों की हार

प्रतीकात्मक तस्वीर

मुस्लिम युवक ने हनुमान चालीसा पढ़कर हिंदू लड़की को फंसाया, फिर बनाने लगा इस्लाम कबूलने का दबाव

बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार और भारत-विरोधी सियासत: भारत के लिए नई चुनौती

झांगुर बाबा जाति के आधार पर लड़कियों को बनाता था निशाना, इस्लामिक कन्वर्जन के लिए देता था मोटी रकम

आरोपी लड़का इस पूरे मामले को अपने मोबाइल से रिकार्ड करता रहा

‘The Kerala Story’ : हिन्दू लड़की को अगवा किया, छुड़ाने गए पुलिस अफसरों को ही धमकाता रहा SDPI का मजहबी उन्मादी

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

बुमराह और आर्चर

भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज: लॉर्ड्स में चरम पर होगा रोमांच

मौलाना छांगुर ने कराया 1500 से अधिक हिंदू महिलाओं का कन्वर्जन, बढ़ा रहा था मुस्लिम आबादी

Uttarakhand weather

उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट: 10 से 14 जुलाई तक मूसलाधार वर्षा की चेतावनी

Pratap Singh Bajwa complaint Against AAP leaders

केजरीवाल, भगवंत मान व आप अध्यक्ष अमन अरोड़ा के खिलाफ वीडियो से छेड़छाड़ की शिकायत

UP Operation Anti conversion

उत्तर प्रदेश में अवैध कन्वर्जन के खिलाफ सख्त कार्रवाई: 8 वर्षों में 16 आरोपियों को सजा

Uttarakhand Amit Shah

उत्तराखंड: अमित शाह के दौरे के साथ 1 लाख करोड़ की ग्राउंडिंग सेरेमनी, औद्योगिक प्रगति को नई दिशा

Shubman Gill

England vs India series 2025: शुभमन गिल की कप्तानी में भारत ने इंग्लैंड को झुकाया

मुंबई: ‘सिंदूर ब्रिज’ का हुआ उद्घाटन, ट्रैफिक जाम से मिलेगी बड़ी राहत

ब्रिटेन में मुस्लिमों के लिए वेबसाइट, पुरुषों के लिए चार निकाह की वकालत, वर्जिन बीवी की मांग

Haridwar Guru Purnima

उत्तराखंड: गुरु पूर्णिमा पर लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई पावन गंगा में आस्था की डुबकी

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies