जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकी मॉड्यूल को ध्वस्त करते हुए जैश-ए मुहम्मद के तीन आतंकी मददगारों को गिरफ्तार किया। ये तीनों जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग से सिद्दड़ा के पास एक पार्क में झाड़ियों में छिपाकर रखे हथियारों को ऑयल टैंकर में ले जा रहे थे। खुफिया सूचना के आधार पर पुलिस ने नरवाल में हथियारों के साथ इन्हें गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। बता दें कि आतंकियों ने जिस ऑयल टैंकर में हथियारों को छिपाया था, उसे कुछ दिन पहले जम्मू के एक ट्रांसपोर्टर से खरीदा गया था। पकड़े जाने के समय टैंकर में 12 लाख रुपये का डीजल भरा हुआ है। यह टैंकर पांपोर के रहने वाले फारूक ने 13 लाख रुपये में खरीदा था। लेकिन ट्रांसपोर्टर के साथ कागजी कार्रवाई नहीं हो पाई थी। साजिश के तहत जम्मू के नंबर वाला ऑयल टैंकर खरीदा गया, ताकि जम्मू से कश्मीर पेट्रोल—डीजल ले जाते समय कम जांच का सामना करना पड़े।
उल्लेखनीय है कि आमतौर पर हथियारों की तस्करी ट्रकों में होती रही है। ट्रकों के बीच हथियार छिपाने के लिए गुप्त जगह बनाई जाती थी, लेकिन अब ऑयल टैंकर का आतंकी साजिश के लिए इस्तेमाल किया गया है। आशंका जताई जा रही है कि सीमा पार से ड्रोन के जरिये भेजे गए हथियार कश्मीर जा रहे थे।
पाकिस्तान से भेजे गए थे हथियार
जब्त हथियारों को पाकिस्तान में बैठे आतंकी सरगना शाहवाज ने ड्रोन के जरिये भेजने की बात सामने आई है। जिन हथियारों को जब्त किया है उनमें तीन एके 56 राइफल, एक पिस्टल, एके 56 की नौ मैग्जीन, 191 कारतूस और 6 ग्रेनेड शामिल हैं। पुलिस के अनुसार बीते आठ नवंबर को त्रिकुटा नगर थाने की टीम ने राजमार्ग पर नाका लगाया था। इस दौरान नरवाल के पास खड़े एक ऑयल टैंकर (जेके02बीएफ 2965) को तलाशी लेकर आगे बढ़ा दिया। यहां से टैंकर निकला और पर्यावरण पार्क के पास जाकर चालक ने इसे फिर रोक दिया। वहां पर पुलिस के गश्ती दल ने इसे आगे बढ़ने को कहा। चालक ने थोड़ी दूर जाकर यू टर्न लेकर वापस टैंकर नरवाल पहुंचा दिया। जब पुलिस कर्मियों ने देखा कि वहीं टैंकर वापस आया है तो चालक से पूछताछ की। इस दौरान उसके दो साथियों ने पुलिस कर्मियों के साथ बहस शुरू कर दी और मारपीट करने लगे। पुलिस टीम तीनों को हिरासत में लेकर त्रिकुटा नगर थाने में ले गई। पूछताछ पर टैंकर चालक ने अपना नाम मोहम्मद यासीन निवासी पांपोर बताया। उसके साथियों की पहचान फरहान फारूक और फारूक अहमद के रूप में हुई। जब पुलिस ने इन तीनों से सख्ती से पूछताछ की तो आरोपियों ने बताया कि वे आतंकी संगठन जैश-ए मुहम्मद के लिए काम करते हैं और जम्मू से हथियार लेने के लिए आए थे। जब पुलिस ने ऑयल टैंकर की दोबारा तलाशी ली तो इसमें हथियार बरामद हुए।
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