काशी में तमिल समागम की शुरुआत 17 नवंबर से हो रही है। 16 दिसंबर तक होने वाले कार्यक्रम में 12 ट्रेनों से 3 हजार से ज्यादा लोग काशी की कला, संस्कृति, मंदिर, खान-पान समेत गंगा घाटों के भ्रमण को आएंगे। बीएचयू के ग्राउंड में 75 स्टॉल तमिलनाडु की कला संस्कृति से जुड़े लगाए जाएंगे। इस कार्यक्रम के कई राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं। बीएचयू के खेल मैदान में प्रस्तावित कार्यक्रम में तमिलनाडु से आए दो मुख्य शेफ वहां के व्यंजनों को बनाएंगे तो वहीं काशी की कचौड़ी, सब्जी और जलेबी का लुफ्त भी मेहमान उठाएंगे।
कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने बताया कि तमिल समागम में भाग लेने के लिए आने वाले मेहमानों को ठहराने के लिए जिले के सर्किट हाउस, गेस्ट हाउस, रेलवे गेस्ट हाउस, विभिन्न विभागों के गेस्ट हाउस, बीएचयू एलडी गेस्ट हाउस तथा होटल आदि को रिजर्व करने के लिए एडीएम प्रोटोकॉल को निर्देशित किया गया है। इसके साथ ही गाड़ियों तथा लाइज़निंग ऑफिसरों की तैनाती के लिए चयन करने के निर्देश दिए गए हैं और उनको ट्रेनिंग दिलाने को कहा गया है।
अतिथियों को रिसीव करने एवं ठहराने आदि के लिये कमिश्नर द्वारा एजेंसी हायर करने के भी निर्देश दिए गए। तमिलनाडु से प्रति सप्ताह तीन ट्रेनों द्वारा प्रति ट्रेन 210 यात्री आएंगे। समागम के दौरान 12 समूहों में लोग वाराणसी आएंगे और इससे सम्बन्धित मंदिरों का भ्रमण करेंगे। एडीएम सिटी को निर्देशित किया गया है कि नगर निगम के द्वारा बीएचयू में समागम स्थल उसके आसपास तथा परिसर में सफाई व्यवस्था सुनिश्चित कराएं। इसके साथ ही जल संस्थान, विद्युत विभाग, नगर निगम, ट्रैफिक पुलिस, स्वास्थ्य विभाग आदि को विशेष रूप से सक्रिय रखने हेतु मजिस्ट्रेट की ड्यूटी लगाई जाए।
खानपान के लिए व्यवस्था एजेंसी के द्वारा की जाएगी। स्टेडियम में एक कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा, जहां से हिन्दी एवं तमिल भाषा में आवश्यक सूचनाएं एवं निर्देश प्रसारित किए जाएंगे। इसके अलावा यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए ट्रैफिक पुलिस, होमगार्ड, पीआरडी आदि के जवान तैनात किए जाएंगे। वीवीआईपी, मंत्रियों तथा विशिष्ट लोगों के आवागमन के मार्ग पर भी सफाई व्यवस्था कराने के निर्देश दिए गए। बीएचयू के एंफीथियेटर ग्राउंड में 75 स्टालों पर तमिल संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी।
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