रूस—यूक्रेन युद्ध दुनिया के लिए पहले ही सैकड़ों मुसीबतें खड़ी कर चुका है, तिस पर चीन की ताइवान को लेकर आक्रामकता भी आएदिन तीखी होती जा रही है। ताजा समाचार यह है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी फौज को ‘तैयार रहने’ के आदेश जारी किए हैं। इसकी पुष्टि और किसी ने नहीं, खुद चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने की है। एजेंसी के अनुसार, राष्ट्रपति शी ने स्पष्ट कहा है कि पूरी सेना को अपनी सारी ताकत युद्ध की तैयारी में झोंक देनी चाहिए। सेना को युद्ध की तैयारी के लिए अपनी सामर्थ्य बढ़ानी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि ताइवान को लेकर चीन की ताजा बौखलाहट का बहाना बनी है ब्रिटेन के व्यापार मंत्री की दो दिन पहले की ताइवान यात्रा। ताइवान को ‘अपना क्षेत्र’ बताता आ रहा ड्रैगन किसी भी देश द्वारा ताइवान के साथ द्विपक्षीय संबंध बनाने पर चिढ़ता और धमकाता रहा है। इधर अमेरिका को तो अनेक अवसरों पर चीन ने इस संदर्भ में धमकियां दी हैं। लेकिन अमेरिका भी ताइवान के साथ कूटनीतिक और रणनीतिक संबंधों को बढ़ाया गया है।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कल अपनी फौज पीएलए को युद्ध के लिए सन्नद्ध रहने को कहना कई अर्थों में तोला जा रहा है। उन्होंने कहा है कि चीन अपनी सेना को दमदार युद्ध प्रशिक्षण देगा। कम्युनिस्ट चीन का मानना है कि सुरक्षा के हालात अस्थिर और अनिश्चित होते जा रहे हैं।
आस्ट्रेलिया चैनल स्काई न्यूज की रिपोर्ट है कि चीन के राष्ट्रपति ने बीजिंग में केंद्रीय सैन्य आयोग के संयुक्त अभियान कमान सेंटर का दौरा करते वक्त अपनी सेना को यह फरमान सुनाया है। चैनल सीसीटीवी का कहना है कि जिनपिंग के अनुसार, चीन अब अपने सैनिकों के प्रशिक्षण और युद्ध तैयारियों को और विस्तार देकर मजबूत बनाएगा।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट आगे बताती है कि राष्ट्रपति जिनपिंग ने चीन के सभी सशस्त्र बलों को सीपीसी के 20वें अधिवेशन के मार्गदर्शक सिद्धांतों का पूरी तरह से अध्ययन, प्रचार और कार्यान्वयन करने के आदेश दिए हैं। साथ ही राष्ट्रीय रक्षा और सेना को और आधुनिक बनाने के लिए ठोस कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया है। स्काई न्यूज के अनुसार, जिनपिंग ने अपने सशस्त्र बलों को राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा तथा विकास हितों की रक्षा करने तथा पार्टी एवं नागरिकों द्वारा सौंपे जाने वाले कामों को भी पूरा करने के निर्देश जारी किए हैं।
कल जिनपिंग चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग में सैनिकों सेना की वर्दी पहनकर गए थे। वैसे जिनपिंग युद्ध की आशंका जताने वाली बातें पहले भी कई मौकों पर कर चुके हैं। लेकिन, सैनिकों के सामने उनकी यह ताजा टिप्पणी, ताइवानके संदर्भ में अमेरिका के साथ कम्युनिस्ट चीन के बढ़ते तनाव के माहौल में सामने आई है। ध्यान रहे, अभी पीछे अगस्त माह में अमेरिकी संसद अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की चर्चित ताइवान यात्रा के बाद, दोनों देशों के बीच चला आ रहा तनाव और बढ़ गया है।
विस्तारवादी चीन ने नैंसी पेलोसी की उस यात्रा को उसकी संप्रभुता के लिए एक बड़ी चुनौती के तौर पर लिया था। इसके बाद धमकी के अंदाज में उसके लड़ाकू विमानों ने ताइवान के आसमान में कई बार हदें लांघी थीं।
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