देश के इतिहास में 9 नवंबर की तारीख भारत के राष्ट्रीय स्वाभिमान और अस्मिता के लिए खास है। इसी तारीख को साल 1989 में अयोध्या में श्रीराम मंदिर का शिलान्यास किया गया था। और इसके ठीक 30 साल बाद 9 नवंबर 2019 को ही ‘देश के सबसे बड़े कानून’ के मंदिर सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया। पांच जजों की संविधान बेंच ने कथित रूप से विवादित जमीन पर रामलला के हक में फैसला सुनाया। मुस्लिम पक्ष को नई मस्जिद बनाने के लिए अलग से पांच एकड़ जमीन देने के भी निर्देश दिए। इससे सदियों पुराना विवाद खत्म हो गया।
इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 2010 में अयोध्या मामले पर फैसला सुनाया। इसे सभी पक्षों ने मानने से इनकार कर दिया। हाई कोर्ट ने 2.77 एकड़ की विवादित भूमि को मुस्लिम पक्ष, रामलला विराजमान और निर्मोही अखाड़े में बराबर बांट दिया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मंदिर बनाने की प्रक्रिया तेज हुई। 05 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्री राम मंदिर के लिए भूमि पूजन किया।
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