जम्मू-कश्मीर की जांच एजेंसी एसआइए श्रीनगर के हैदरपोरा स्थित हुर्रियत नेता रहे सैयद अली शाह गिलानी के मकान को अटैच करने की तैयारी में है। दरअसल एसआइए ने इस संबंध में अहम सुबूत जुटाएं हैं। उसके अनुसार मकान को आतंकी फंडिंग के जरिए खरीदा गया था। बता दें कि सैयद अली शाह गत वर्ष दुनिया से रवाना हो चुके हैं। अब इस मकान में उनकी पत्नी व कुछ रिश्तेदार रहते हैं। मकान के एक भाग में तहरीक-ए-हुर्रियत का कार्यालय भी है।
करोड़ों की संपत्ति हुई थी जब्त
गिलानी कई बार कहते थे कि उनका अपना आय का कोई स्रोत नहीं है। वह पूर्व विधायक के तौर पर मिलने वाली पेंशन से गुजारा करते हैं। लेकिन साल, 2002 में नई दिल्ली में हुर्रियत कांफ्रेंस का नेता इम्तियाज बजाज हवाला के आरोप में पकड़ा गया था। उसके पास से बड़ी धनराशि प्राप्त हुई थी। पूछताछ में उसने बताया था कि यह पैसा गिलानी को पहुंचाने जा रहा था। इसके बाद, जून, 2002 में आयकर विभाग ने भी गिलानी के घर पर छापा मारा था। तब मकान से 10 हजार अमेरिकी डालर, 10.2 लाख रुपये नकदी के अलावा लाखों के आभूषणों की खरीद के बिल और हीरे जड़ित घड़ी बरामद हुई थी। यह घड़ी पाकिस्तान सरकार ने कथित तौर पर उपहार में भेंट की थी। इसके अलावा कुछ बेनामी संपत्तियों और वाहनों की खरीद के दस्तावेज भी मिले थे। गिलानी के खिलाफ विदेशी मुद्रा अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया जा चुका है। उन्हें आयकर विभाग ने 1.73 करोड़ रुपये बतौर कर चुकाने के लिए नोटिस भी भेजा था।
जमात भी जताता रहा है हक
मकान पर जमात-ए-इस्लामी भी हक जताती रही है। जमात का दावा है कि यह मकान 1995 में उसने खरीदा था और गिलानी के नाम पर पंजीकृत कराया गया था। वर्ष, 2014 में गिलानी ने अपनी संपत्ति को लेकर पैदा हुए विवाद के बाद ट्रस्ट का गठन कर सारी संपत्ति उसके नाम करने का एलान किया तो उस समय जमात-ए-इस्लामी ने उन्हें नोटिस भेजा था। जमात ने दावा किया था कि इस मकान को जमात ने ही खरीदा है।
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