पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना से अलकायदा का आतंकी मनीरुदीन खान गिरफ्तार किया गया है। वह अलकायदा भारतीय उपमहाद्वीप (एक्यूआईएस) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम का जिहादी है। गिरफ्तारी के बाद मुनीरुद्दीन खान को बैंकशाल कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 14 नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। हाल के दिनों में देखें तो राज्य से अलग-अलग आतंकी संगठनों के कई जिहादियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, बीरभूम, हावड़ा, मालदा, नदिया और मुर्शिदाबाद अराजक तत्वों का अड्डा चुके हैं। इन जिलों में आए दिन असामाजिक गतिविधियां देखी जाती हैं। इस पूरे मामले पर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल बारूद के ढेर पर बैठा हुआ है। जिस आतंकी को गिरफ्तार किया गया है, उसने बहुतों का ब्रेनवॉश किया है और जाल बिछाने की कोशिश की।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सब कुछ जानती है, लेकिन फिर भी कड़ी कार्रवाई करने से बचती है। क्योंकि ये वोट बैंक हैं। इसलिए पूरे भारत से सभी उग्रवादी मॉड्यूल के आतंकवादी यहां आते हैं। यहां साजिश रचते हैं और फिर बांग्लादेश भाग जाते हैं। वे यहां रहकर अपना जाल फैला रहे हैं। खुफिया रिपोर्ट सब कुछ बता रही हैं कि कैसे आतंकी राज्य में संजाल बढ़ा रहे हैं। लगातार हथियारों की बरामदगी हो रही है और इन हथियारों का इस्तेमाल राजनीतिक हितों के लिए किया जा रहा है।
सीएए लागू करने की जरूरत
राज्य में सीएए को लेकर चल रहे घमासान पर दिलीप घोष ने कहा कि सीएए और एनआरसी लागू करने की कोशिश पिछले तीन साल से चल रही है, लेकिन बंगाल सरकार इसमें बाधा खड़ी कर रही है। लोगों को नागरिकता देने में रोड़े खड़े किए जा रहे हैं क्योंकि इससे तृणमूल को मजबूत करने वाले विदेशी एजेंट देश से बाहर चले जाएंगे। देश और बंगाल की खातिर सबसे पहले सीएए की जरूरत है।
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