पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर जिले में एक सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। यहां दुष्कर्म की शिकायत करने पहुंची एक लड़की से सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के दफ्तर में सामूहिक दुष्कर्म हुआ है। पीड़िता ने इसे लेकर जिला पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई है। दरअसल अपने प्रेमी के खिलाफ शादी का झांसा देकर दुष्कर्म की शिकायत करने वह पहुंची थी। इसके बाद स्थानीय पार्षद ने उसे आश्वस्त किया था कि वह मामले में सुलह करवा देगा। उसने फोन कर लड़की को पार्टी दफ्तर बुलवाया और वहां उसके प्रेमी के साथ मिलकर सामूहिक दुष्कर्म किया गया। इतना ही नहीं युवती का दावा है कि मुंह खोलने पर जान से मारने की धमकी दी जाती रही है। पिछले तीन महीने से मुंह बंद रखने के बाद आखिरकार उन्हें पश्चिम मेदिनीपुर जिले के पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है।
21 अक्टूबर को ”पीड़ित” लड़की ने पश्चिम मिदनीपुर पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार को एक पत्र लिखा था। उसने दावा किया कि वारदात के आरोपित उनके प्रेमी एस अरविंद राव को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन अन्य के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। शुक्रवार को जिला अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (खड़गपुर) राणा मुखर्जी ने कहा कि युवती ने कई शिकायतें की हैं। हर चीज की जांच की जा रही है।
शिकायत में लड़की ने खड़गपुर नगर पालिका के वार्ड नंबर 32 के तृणमूल पार्षद मुकेश हुमन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। हालांकि मुकेश ने युवती के आरोपों को खारिज कर दिया है। शुक्रवार को पार्षद ने कहा कि युवती ने झूठी शिकायत की। उसके आरोप का कोई आधार नहीं है। राजनीतिक रूप से विरोध न कर पाने के कारण मेरे खिलाफ साजिश हो रही है।
शिकायतकर्ता ने कहा कि पांच साल पहले पति की मौत के बाद वह अपने पिता के घर चली गई थी। यहां वह अरविंद से मिली और धीरे-धीरे दोनों में प्रेम हो गया। उसके बाद अरविंद ने शादी का झांसा देकर उसके साथ कई बार शारीरिक संबंध बनाए। उसके बाद जब वह प्रेमी के खिलाफ शिकायत का मन बनाई तो पार्षद ने हस्तक्षेप किया। वहां से उन्हें 25 जुलाई को दोपहर में पार्टी कार्यालय आने को कहा गया। समझौते का दावा किया गया था।
लड़की की शिकायत के मुताबिक वह उस दिन दोपहर करीब तीन बजे पार्टी कार्यालय गई और पार्षद, आरोपित प्रेमी और एक अन्य व्यक्ति ने उसके साथ दुष्कर्म किया। घटना के बाद उन्होंने नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई। इसके आधार पर अरविंद को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन पार्षद और उनके ”करीबी” लोगों को छोड़ दिया गया।
”पीड़िता” ने यह भी आरोप लगाया कि घटना के बाद उसे पिछले तीन महीने से लगातार जान से मारने की धमकी दी जा रही है। अपनी जान के डर से वह इतनी देर तक अपना मुंह नहीं खोल सकी थी। पार्षद के डर से घर से बाहर भी नहीं निकल पा रही थी। अब उसने एसपी से मदद की गुहार लगाई है।
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