नरेंद्र मोदी शायद पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जो खुलकर जांच एजेंसियों के साथ खड़े हैं। उन्होंने भ्रष्टाचार की जांच में लगे अधिकारियों से कहा है कि देश की सेवा करने में किसी से डरने की जरूरत नहीं है।
नई दिल्ली में केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा आयोजित ‘सतर्कता जागरूकता सप्ताह’ को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भ्रष्टाचार रोधी एजेंसियों को भ्रष्टाचार से निपटने के दौरान उन्हें रक्षात्मक होने की जरूरत नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि केंद्रीय सतर्कता आयोग जैसे संगठनों का उत्तरदायित्व है कि किसी भी भ्रष्ट व्यक्ति को राजनीतिक या सामाजिक संरक्षण न मिले। शायद भारत के इतिहास में पहली बार कोई प्रधानमंत्री जांच एजेंसियों के साथ खुलकर खड़ा है। इसके बहुत बड़े मायने हैं। प्रधानमंत्री ने उन भ्रष्टाचारियों को चेताया भी है, जो सजा मिलने के बाद भी अपना महिमामंडन किसी ने किसी प्रकार से करवा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमें राजनीतिक एजेंडे पर कार्य नहीं करना है, पर देश के लोगों के सामने आने वाली समस्याओं का समाधान करना हमारा कर्तव्य है। इस कर्तव्य को निभाते समय कुछ निहित स्वार्थ वाले लोग चिल्लाएंगे, हमें बदनाम करने का प्रयास करेंगे, लेकिन डरना नहीं है। उन्होंने जांच एजेंसियों से यह भी कहा कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध सरकार जैसी इच्छाशक्ति दिखा रही है, वैसी हर विभाग में दिखनी चाहिए।
प्रधानमंत्री नई दिल्ली में 3 नवंबर को यह सब बोल रहे थे और उसका असर रायपुर के एक कार्यक्रम में मौजूद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर तुरंत दिखा। जो हेमंत सोरेन कुछ घंटे पहले ही ईडी को धमका रहे थे कि ईडी उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं करती है, वही हेमंत प्रधानमंत्री के बयान के बाद ईडी से जवाब देने का समय मांग रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि ईडी ने खनन घोटाले के मामले में पूछताछ करने के लिए हेमंत सोरेन को 3 नवंबर को रांची स्थित अपने कार्यालय में बुलाया था, लेकिन हेमंत ईडी के सामने हाजिर नहीं हुए और रायपुर चले गए। रायपुर जाने से पहले उन्होंने रांची में अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर उन्होंने कोई गलती की है, तो समन भेजने की क्या आवश्यकता है, सीधे गिरफ्तार कर ले।
प्रधनमंत्री ने नाम लिए बिना लालू यादव, अरविंद केजरीवाल जैसे नेताओं को भी चेताया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग ईमानदार होने का प्रमाणपत्र लेकर घूम रहे हैं, पर मौका मिलते ही भ्रष्टाचारियों के साथ हाथ उठाकर फोटो खिंचाते हैं। बता दें कि 2015 में नीतीश कुमार जब मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे थे, तब अरविंद केजरीवाल पटना गए थे। उन्होंने वहां लालू यादव के साथ मंच ही साझा नहीं किया, बल्कि फोटो भी खिंचाया था। लालू यादव चारा घोटाले की सजा काट रहे हैं। इसके साथ ही उन पर भ्रष्टाचार के अनेक मामले दर्ज हैं।
जांच एजेंसियों को प्रधानमंत्री का खुला समर्थन मिलने के बाद आने वाले समय में भ्रष्टाचारियों की मुश्किलें जरूर बढ़ेंगी, इसमें कोई दो राय नहीं है।
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