प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विकास दुबे और उसके गिरोह के कुछ अन्य सदस्यों की करीब 10 करोड़ रुपये की संपत्तियां को जब्त कर लिया है। मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम के अंतर्गत 28 अचल संपत्तियां विकास, जयकांत बाजपेई और उसके परिचितों के नाम थी। इन सभी संपत्तियों को जब्त कर लिया गया।
कानपुर जनपद के दुर्दांत अपराधी विकास दुबे ने आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। उसके बाद वह पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था। उस घटना के विभिन्न पहलुओं की जांच अभी भी जारी है। मुख्यमंत्री योगी द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मुख्य अभियुक्त विकास दुबे की संपत्तियों की प्रवर्तन निदेशालय से जांच की सिफारिश की थी, जिसे मुख्यमंत्री ने स्वीकार कर लिया था।
अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अगुवाई में गठित तीन सदस्यीय एसआईटी ने अवैध तरीके से हासिल की गई 147 करोड़ रुपये की संपत्ति की प्रवर्तन निदेशालय से गहराई से जांच कराए जाने की सिफारिश की थी। एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा था कि दुबे और उसके फाइनेंसर सहित उससे जुड़े सभी अपराधियों के आय के स्रोत की जांच कराई जानी चाहिए।
बता दें कि बीते 2-3 जुलाई की मध्यरात्रि कानपुर के बिकरू गांव में दुबे को गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस टीम पर गैंगस्टर के साथियों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थीं जिसमें एक क्षेत्राधिकारी और एक थानाध्यक्ष समेत आठ पुलिसकर्मियों की मृत्यु हो गई थी और पांच पुलिसकर्मी, एक होमगार्ड और एक आम नागरिक घायल हुए थे। विकास दुबे गत 10 जुलाई को उज्जैन से कानपुर लाए जाने के दौरान एसटीएफ के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया था।
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