लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को सरदार बल्लभभाई पटेल की 147वीं जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय एकता दिवस के कार्यक्रमों में शामिल हुए। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलाई। पहला कार्यक्रम उनके सरकारी आवास पर ‘रन फॉर यूनिटी’ का हुआ, जिसमें छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। जीपीओ पर आयोजित दूसरे कार्यक्रम में उन्होंने सरदार पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धाजंलि देते हुए नमन किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आजादी के बाद कुछ सरकारों ने सरदार पटेल को विस्मृत करने का प्रयास किया, लेकिन हम सब प्रधानमंत्री मोदी के आभारी हैं जिन्होंने उनकी स्मृति में कई कार्यक्रमों की शुरुआत की। इन्हीं कार्यक्रमों की श्रृंखला में उत्तर प्रदेश के 75 जनपदों समेत देश के 600 से अधिक जिलों में रन फॉर यूनिटी का यह कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक भारत-श्रेष्ठ भारत की जिस परिकल्पना को साकार किया जा रहा है वास्तव में इसके शिल्पी सरदार बल्लभभाई पटेल हैं।
उन्होंने कहा कि सरदार पटेल जैसा महानायक जिस देश में हो वह आतंकवाद, उग्रवाद और भ्रष्टाचारियों के सामने घुटने नहीं टेक सकता। वह देश मजबूती के साथ इस प्रकार की दुष्प्रवृत्तियों के साथ लड़ने के लिए अपने आपको तैयार करता है। आज देश के अंदर नक्सलवाद समाप्त हो रहा है। कश्मीर फिर से भारत के संविधान के दायरे में आकर विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। पूर्वोत्तर के राज्यों में कभी उग्रवाद चरम पर था, आज वह राज्य भारत के अन्य राज्यों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं।
सीएम योगी ने कहा कि आजादी के समय 563 से अधिक रियासतें भारत के अंदर थीं। ब्रिटिश सरकार भारत को कई टुकड़ों में बांटना चाहती थी। लेकिन सरदार पटेल ने अपनी सूझ-बूझ, संगठन क्षमता और मातृभूमि के प्रति अगाध निष्ठा से भारत को एकता के सूत्र में बांधते हुए शांतिपूर्ण तरीके सभी रियासतों को वर्तमान भारत का हिस्सा बनाया। जूनागढ़ और हैदराबाद की रियासतें इस प्रयास में थीं कि वो अपना स्वतंत्र अस्तित्व बना लें या पाकिस्तान के साथ चली जाएं, लेकिन उनकी एक नहीं चल पाई। सरदार पटेल के आदर्श और उनका दृष्टिकोण, आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचना अनिवार्य है। देश के युवाओं को उनके बलिदान, योगदान और सपनों से अवगत होना चाहिए। जिन मूल्यों और आदर्शों के लिए इस राष्ट्र शिल्पी ने अपना पूरा जीवन समर्पित किया था उसके लिए हम प्रयासरत रहें और उसे साकार करें।
सीएम योगी ने कहा कि आज इस देश में केवल अधिकारों की ही चर्चा नहीं होती है। वे दिन लद गए जब हम केवल ट्रेड यूनियन के ही नारे सुनते थे कि ‘हमारी मांगे पूरी हो चाहे जो मजबूरी हो’। आज देश का प्रत्येक व्यक्ति यह मानता है कि संविधान द्वारा हमें कुछ मौलिक अधिकार मिले हैं तो कुछ कर्तव्य भी तय किए गए हैं। आज हर व्यक्ति अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक हुआ है। यह नेतृत्व पर निर्भर करता है कि वह किस प्रकार से देश के प्रत्येक नागरिक को जोड़ता है।
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