अरशद शरीफ और कई अन्य पत्रकारों ने पाकिस्तान और यहां के संस्थानों को दुनिया में बदनाम करने की कोशिश की है। इतना ही नहीं, बाबर ने तो पाकिस्तानी चैनल एआरवाई न्यूज पर भी उंगली उठाते हुए कहा कि फौज को निशाना बनाते हुए इस चैनल पर कथित ‘देशद्रोही कंटेट’ दिखाया गया।
दो दिन पहले अफ्रीकी देश केन्या में पाकिस्तानी पत्रकार अरशद शरीफ संदिग्ध परिस्थितियों में हुई हत्या को लेकर पाकिस्तान में सियासी बवाल उठ खड़ा हुआ है। वहां इस हत्या में फौज की भूमिका होने का शक जोर पकड़ रहा है। इसे इमरान खान के इस आरोप ने भी हवा दी है कि पत्रकार अरशद शरीफ की हत्या के पीछे राजनीति है।
लेकिन इस पाकिस्तानी पत्रकार की जहां हत्या हुई उस केन्या में भी इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग जोर पकड़े है। वहां इसे लेकर सरकार और पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं। इधर इमरान की पार्टी इस पर पाकिस्तान की फौज पर उंगलियां उठा रही है।
इस मामले को तूल पकड़ता देखकर पाकिस्तानी फौज ने कल देर शाम एक बयान जारी करके अपना दामन साफ दिखाने की कोशिश की है। फौज के द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान को अपने आरोपों को साबित करना चाहिए।
कल पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में अरशद के शव का दफनाए जाने पर कब्रिस्तान और उनके घर पर सैकड़ों लोग जमा हो गए थे। विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं ने इस हत्या को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश की। पाकिस्तानी पत्रकार अरशद शरीफ को केन्या में सुरक्षाकर्मियों द्वारा उस वक्त गोली मार दी गई थी जब वे अपने एक दोस्त के साथ कार में कहीं जा रहे थे। अरशद वहां निर्वासित जीवन जी रहे थे क्योंकि उन्हें पाकिस्तान में ‘जान का खतरा’ था।
इस हत्या के फौरन बाद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने आरोप लगाया कि अरशद की हत्या के पीछे वजह राजनीतिक थी। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि अरशद शरीफ की केन्या पुलिस ने इसलिए कथित हत्या की क्योंकि उन्होंने पाकिस्तान के दो बड़े राजनीतिक खानदानों-शरीफ तथा जरदारी को बेपर्दा किया था। हालांकि इस बीच केन्या पुलिस द्वारा जारी बयान में इसे गलत पहचान का मामला बताया गया है। लेकिन वहां भी जबरदस्त दबाव के चलते इस मामले की ‘जांच’ कराई जा रही है।
इधर पाकिस्तान में फौज पर आरोप लगते देखकर आईएसपीआर के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल बाबर इफ्तिकार ने बयान दिया है कि अरशद शरीफ की मौत को लेकर लोग फौज पर उंगली उठा रहे हैं, जबकि, यह तक देखा नहीं गया है कि आखिर इस हत्या से फायदा किसे हुआ है। उनका कहना था कि 30-40 साल तक सेवा करने वाला कोई आदमी देश से गद्दारी क्यों करना चाहेगा। बाबर ने कहा कि ‘हम कमजोर तो हो सकते हैं, हम गलतियां तो कर सकते हैं, लेकिन देशद्रोही कभी नहीं हो सकते’।
आईएसपीआर के महानिदेशक ने आगे कहा कि अरशद शरीफ और कई अन्य पत्रकारों ने पाकिस्तान और यहां के संस्थानों को दुनिया में बदनाम करने की कोशिश की है। इतना ही नहीं, बाबर ने तो पाकिस्तानी चैनल एआरवाई न्यूज पर भी उंगली उठाते हुए कहा कि फौज को निशाना बनाते हुए इस चैनल पर कथित ‘देशद्रोही कंटेट’ दिखाया गया। यही वजह थी कि गत 8 अगस्त को इस चैनल का प्रसारण प्रतिबंधित किया गया। बाबर ने दावा किया कि अरशद शरीफ को पाकिस्तान में किसी तरह का खतरा नहीं था। अरशद को दुबई छोड़ने के लिए भी किसी ने मजबूर नहीं किया था।
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