सामग्री
चावल, गुड़ और तिल
तिल पिट्ठा एक असमिया व्यंजन है जिसे बिहू जैसे विशेष अवसरों पर बनाया जाता है। लेकिन आप ज्यादातर असमिया परिवारों में अतिथि के स्वागत में तिल-पिट्ठा परोसते पाएंगे। इसे सुबह के नाश्ते के रूप में लिया जा सकता है।
बनाने की विधि
एक बड़े बाउल में चावल को 6 कप पानी में 6-7 घंटे के लिए भिगो दें। फिर भीगे हुए चावल को किसी अखबार या मलमल के कपड़े पर लगभग 30 मिनट के लिए सूखने के लिए ठंडी और सूखी जगह पर फैला दें। चावल को पूरी तरह न सूखने दें। अब इसे मिक्सर ग्राइंडर में सावधानी से पीसकर बारीक पाउडर बना लें। इसे एक कटोरे में गीले मलमल के कपड़े से ढककर रख दें। ग्राइंडर ज्यादा गर्म न हो, नहीं तो चावल की चिपचिपाहट कम हो जाएगी और पिठ्ठे अलग हो जाएंगे।
एक पैन में तिल को 3-4 मिनट तक भून लें। इसे मोटा पाउडर बना लें। गुड़ को कमरे के तापमान पर रखें और बारीक काट लें। तिल और गुड़ को मिला दें।
एक लोहे का तवा गरम करें और उसके ऊपर चावल के पाउडर को रोटी के आकार में फैलाएं। गुड़-तिल को बीच में रख दें। चावल का आटा सख्त हो जाने पर गुड़-तिल को ढकते हुए रोल बनाने के लिए इसके किनारों को मोड़ें। इसे पलट दें और आग से उतारने से पहले हल्का गरम करें। पकने पर पिट्ठे कुरकुरे हो जाएंगे। इन पिट्ठों को एयरटाइट कन्टेनर में 10-12 दिनों तक रखा जा सकता है।
एक पैन में तिल को 3-4 मिनट तक भून लें। इसे मोटा पाउडर बना लें। गुड़ को कमरे के तापमान पर रखें और बारीक काट लें। तिल और गुड़ को मिला दें।
एक लोहे का तवा गरम करें और उसके ऊपर चावल के पाउडर को रोटी के आकार में फैलाएं। गुड़-तिल को बीच में रख दें। चावल का आटा सख्त हो जाने पर गुड़-तिल को ढकते हुए रोल बनाने के लिए इसके किनारों को मोड़ें। इसे पलट दें और आग से उतारने से पहले हल्का गरम करें। पकने पर पिट्ठे कुरकुरे हो जाएंगे। इन पिट्ठों को एयरटाइट कन्टेनर में 10-12 दिनों तक रखा जा सकता है।
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