उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने जनता की सुविधा देखते हुए निर्बाध गति से बिजली सेवा तो शुरू की है, साथ ही अब प्रदेश में बिजली के जर्जर तारों से होने वाली दुर्घटना को कम करने के उपाय भी निकाल लिए गए हैं। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम (पीवीवीएनएल) ने इसकी पूरी योजना बना ली है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने वि़द्युत उपभोक्ताओं की प्रत्येक समस्या के समाधान के निर्देश दिए हैं। इसके बाद पीवीवीएनएल के प्रबंध निदेशक अरविंद मलप्पा बंगारी लगातार विद्युत उपभोक्ताओं की समस्या का समाधान करा रहे हैं। अब जर्जर तारों से मुक्ति दिलाने के लिए योजना बनाई गई है। पीवीवीएनएल ने इसके लिए समिति गठित की है। इस समिति के सर्वे के बाद जर्जर तारों की मरम्मत की जाएगी। इतना ही नहीं, अधिकारियों ने जनता से अपील करते हुए कहा कि अगर कहीं जर्जर तार दिखाई दे तो वह 1912 पर कॉल करके बताएं, ताकि इसकी मरम्मत कराई जा सके। जनप्रतिनिधियों ने विद्युत समिति की बैठक में हाईटेंशन लाइन से होने वाली दुर्घटना को रोकने के उपाय निकालने के निर्देश दिए थे। अधिकारियों का कहना है कि पूरे पश्चिम उत्तर प्रदेश में टीम बनाकर सर्वे कराया जा है, ताकि जर्जर एचटी लाइन की मरम्मत कराई जा सके। इतना ही नहीं जिन इलाकों में तार विद्युत पोल की बजाय बांस बल्ली के सहारे लगाए गए हैं, उन्हें भी तुरंत हटा लिए जाएं।
मेरठ से की जा रही है अभियान की शुरुआत
पीवीवएनएल के अधीक्षण अभियंता राजेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि इसकी शुरुआत सबसे पहले मेरठ से की जा रही है। यहां विद्युत समिति बनाकर सर्वे कराया जा रहा है कि कहां-कहां जर्जर तार हैं और कहां-कहां बांस बल्लियों के सहारे विद्युत आपूर्ति की जा रही है। इसे जल्द से जल्द सुधारकर जनता को बड़ी राहत दी जाएगी। इसके बाद पश्चिम उत्तर प्रदेश के हर जिले को जर्जर तारों से मुक्ति दिलाई जाएगी, ताकि जनता को बेहतर विद्युत आपूर्ति मिल जाए और जर्जर तारों से छुटकारा मिलने के बाद हादसों पर भी लगाम लगाई जा सके।
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