पाकिस्तान एक बार फिर असमंजसता में फंस गया है। वहां के चुनाव आयोग ने कल पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के विरुद्ध दिए अपने फैसले से एक तूफान खड़ा कर दिया है। एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए आयोग ने पूर्व प्रधानमंत्री को पांच साल के लिए अयोग्य घोषित कर दिया और उनकी संसद की सदस्यता भी निरस्त कर दी है। लेकिन जैसे ही आयोग ने यह निर्णय, पाकिस्तान के विभिन्न इलाकों में प्रदर्शनों और हिंसक संघर्षों की झड़ी लग गई है। फैसले के विरुद्ध इमरान खान के समर्थकों ने जगह—जगह इकट्ठे होकर प्रदर्शन करके पुलिस के लिए चुनौती खड़ी कर दी। कई जगहों से गोली चलने की भी खबरें आई हैं। हालांकि इसमें किसी की जान जाने की कोई सूचना नहीं मिली है।
उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग ने इमरान खान को तोशाखाना मुद्दे पर दोषी पाया है। आयोग ने इस मामले में विस्तृत सुनवाई के बाद 19 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रखा था। मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान राजा की अगुआई में पाकिस्तान के चार सदस्यीय आयोग ने यह फैसला सुनाते हुए कहा है कि अगर इमरान खान भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं तो उनके विरुद्ध आपराधिक कार्यवाही की जाएगी।
उधर इमरान के समर्थकों और पीटीआई पार्टी के कार्यकर्ताओं ने आयोग के इस निर्णय के विरुद्ध इस्लामाबाद एक्सप्रेस-वे को जाम करके जबरदस्त प्रदर्शन किया। पूर्व प्रधानमंत्री के समर्थक इस्लामाबाद एक्सप्रेसवे के पास इकबाल टाउन में इकट्ठे हुए और नारेबाजी करते हुए सड़क जाम कर दी। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को वहां से हटाने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। इस बीच, पीटीआई के वरिष्ठ नेता नेता पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक बयान जारी करके कहा है कि इमरान खान पार्टी के अध्यक्ष हैं और आगे भी रहेंगे।
कुरैशी ने कहा है कि उनकी पार्टी चुनाव आयोग के इस फैसले के विरुद्ध अपील दायर करेगी। उन्होंने कहा कि इमरान खान इन हालात में आगे के लिए चर्चा करेंगे। शाह महमूद ने समर्थकों को बताया कि कि चुनाव आयोग के इस फैसले के विरुद्ध पूरे देश में प्रदर्शन हो रहे हैं।
दरअसल इस पूरे मामले की जड़ में है, इमरान खान को मिले लगभग 142 करोड़ पाकिस्तानी रुपये के उपहार। बता दें कि इमरान को ये सभी कीमती उपहार उनकी अरब देशों के दौरों के दौरान वहां के हुक्मरानों ने दिए थे। हालांकि तब इमरान ने ये उपहार तोशाखाना में तो जमा करा दिया था, पर बाद में इमरान ने वहां से इन्हें सस्ती कीमतों में खरीदकर भारी मुनाफा कमाते हुए बेच दिया था। उन पर आरोप है कि ऐसा करने में उनकी सरकार ने उन्हें कानूनी अनुमति दे दी थी।
पाकिस्तान के वर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ही इमरान पर आरोप लगाया था कि उन्होंने दुबई में 14 करोड़ रुपये के हीरे न अन्य जवाहरों सहित अनेक कीमती उपहारों को तोशाखाना से सस्ते दामों में खरीदा और फिर उन्हें मोटी कीमत में बेच दिया। इमरान के ऐसा करने से सरकारी खजाने को जबरदस्त नुकसान हुआ है।
आने वाले कुछ दिनों में पाकिस्तान में इस मुद्दे पर सियासी संकट गहराने के आसार दिखाई दे रहे हैं। इमरान इसे बेशक एक बड़ा मुद्दा बनाते हुए शाहबाज सरकार को घेरेंगे। वे चुनाव आयोग के इस फैसले के विरुद्ध अदालत का दरवाजा भी खटखटाएंगे, जिसके संकेत शाह महमूद कुरैशी दे ही चुके हैं।
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