समस्तीपुर की रहने वाली 24 वर्षीय खुशबू (कल्पित नाम) का जीवन नरक बन गया है। यह नरक सहरसा के रहने वाले मो. आफताब आलम के कारण हुआ है। आफताब ने हिंदू लड़के के रूप में उससे पहले दोस्ती की, फिर शादी की और जब लड़की ने ससुराल जाने का दबाव बनाया तो वह उसे छोड़कर भाग गया।
अब इस हिंदू युवती का जीवन आगे कुआं पीछे खाई वाली स्थिति में पहुँच गया है। ससुराल वाले उसे पैसे लेकर गर्भपात कराने की सलाह दे रहे हैं और मायके वालों के लिए वह मर गई है। एकाध बार आरोपी से बात हुई तो उसने साफ इंकार करते हुए कहा कि उसने अपनी मस्ती के लिए उसका उपयोग किया। अब पीड़िता जो चाहे कर ले, समाज हो या सरकार उसका बाल भी बांका नहीं कर सकती है।
हिंदू युवक बनकर दोस्ती की
यह महिला समस्तीपुर की रहने वाली है। 24 साल की खुशबू बेगूसराय के एक मॉल में काम कर अपना जीवनयापन करती थी। इसकी दोस्ती आफताब आलम से फेसबुक के जरिए हुई। आफताब हिंदू नाम से अपना फेसबुक अकाउंट बनाए हुआ था। जनवरी, 2020 में फेसबुक के जरिए शुरू हुआ प्यार लॉकडाउन में और गहरा होता चला गया। धीरे-धीरे प्यार में दोनों की बीच की दूरी कम होती चली गई। आफताब ने लड़की को शादी का झांसा देकर कई बार संबंध बनाया। लड़की के गर्भवती होने पर उसका 2 बार गर्भपात भी कराया।
जनवरी, 2022 में हुई शादी
पीड़िता ने शादी के लिए काफी दबाव बनाया। अंततः अपनी पहचान छुपाते हुए जनवरी 2022 में बेगूसराय शहर के काली मंदिर में इन दोनों ने शादी कर ली। दोनों शहर के ही काली स्थान चौक पर एक किराये के मकान में बतौर पति-पत्नी रहने लगे। आफताब अपने गांव आता-जाता था। पीड़िता ने जब उसके गांव जाने की जिद की तो आफताब की रंगत खुली। वह पहले मना करता रहा और बाद में उसने उसका साथ छोड़ दिया। उसने तो खुशबू को सोशल मीडिया पर ब्लॉक भी कर दिया है।
खुशबू ने जब उसके घर वालों से संपर्क किया तो उन्होंने उसे अपनाने से इंकार कर दिया। अब दो महीने की गर्भवती को आफताब के परिजन लगातार धमकी दे रहे हैं। वे उस पर दबाव बना रहे हैं कि पैसे लेकर वह गर्भपात करा ले और उसके बेटे को छोड़ दे। इधर लड़की के घर वाले कर रहे हैं कि उसने दूसरे मजहब के लड़के से शादी की है। इसलिए वह घर वालों के लिए मर चुकी है।
ना घर की रही ना घाट की
ऐसी स्थिति में जब पीड़िता बेगूसराय के महिला थाने में शिकायत के लिए पहुंची तो पुलिस ने उसे यह कह कर लौटा दिया कि पीड़िता समस्तीपुर जिला की निवासी है इसलिए समस्तीपुर महिला थाने में केस दर्ज होगा। जब वह समस्तीपुर महिला थाना पहुंची तो वहां से यह कहा गया कि घटनास्थल बेगूसराय है। अतः केस बेगूसराय में दर्ज होगा। पीड़िता को समझ नहीं आ रहा है कि वह 2 माह के गर्भ को लेकर किस दरवाजे जाए ? ससुराल वाले उसे अपनाने को तैयार नहीं, मायके वालों के लिए वह मर चुकी है और प्रशासन मदद को तैयार नहीं।
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