पिथोरागढ़ के नैनी सैनी हवाई अड्डे को सेना ने अपनी जरूरतों के लिए टेकओवर करने की इच्छा जताई है। इस पर फैसला लेने से पहले उत्तराखंड के सीएस एसएस संधू ने हवाई अड्डे का निरीक्षण किया। सीमांत क्षेत्र में कुमायूं की तिब्बत सीमा के सबसे समीप पिथौरागढ़ की नैनी सैनी हवाई पट्टी बनाई गई थी। जिसे बाद में एयरपोर्ट का रूप से दिया गया, जिसके पीछे मकसद यही था, कि यहां पर टूरिस्ट आना-जाना हो लेकिन, यहां उड़ान को लेकर हमेशा असमंजय रही है, और पर्यटक नहीं आ पाये।
खबर है कि वायुसेना ने इस एयरपोर्ट को टेकओवर करने की इच्छा जताई है, जिससे वो इसे अपने उपयोग में ले सकें। देश में कई हवाई अड्डे ऐसे हैं, जहां वायुसेना का नियंत्रण है, और निजी उड़ाने भी वहां होती हैं। जिनमें श्रीनगर, बरेली भी शामिल है।
उत्तराखंड सरकार को इस एयरपोर्ट को वायुसेना को सौंपने के बारे में फैसला लेना है। इसके लिए चीफ सेक्ट्री एसएस संधू ने यहां पहुंच कर एयरपोर्ट का निरीक्षण किया है, उन्होंने इस बारे में जिला प्रशासन से भी राय शुमारी की है।
1991 में बने इस हवाई अड्डे को यदि उत्तराखंड सरकार ने वायुसेना को दे दिया, तो इसके महंगे रख-रखाव से उसे राहत मिल जाएगी, साथ ही घरेलू उड़ानों के लिए भी उसे व्यवस्था बनाने में दिक्कतों का सामना नहीं करना होगा।
अभी भी वायुसेना इस अड्डे का इस्तेमाल अपनी अभ्यास उड़ानों के लिए करती है, लेकिन लड़ाकू विमानों के यहां रखने की कोई व्यवस्था नहीं है।
जानकारी के मुताबिक अगली कैबिनेट की बैठक में उत्तराखंड सरकार इस बारे में फैसला लेकर वायु सेना के साथ एक एमओयू साइन कर सकती है। इस बारे में जब डीएम आशीष चौहान से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि कुछ बाते शासन स्तर की होती हैं, जिसमे वह अभी कुछ कह नहीं सकते हैं।
टिप्पणियाँ