मात्र दो महीनों में ही विवादित संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ का नवनियुक्त जत्थेदार अमृतपाल सिंह देश व प्रदेश की गुप्तचर एजेंसियों की राडार पर आगया है। उसकी गतिविधियों पर केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने नजर रखनी शुरू कर दी है। एजेंसियों ने इसके लिए पंजाब सरकार को भी सतर्क किया है। केन्द्र द्वारा पंजाब सरकार से अमृतपाल से संबंधित जानकारी मांगी गई है। मिली जानकारी के अनुसार, आद केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने अमृतपाल सिंह के गांव में दबिश दी। एजेंसियों ने अमृतपाल के पैतृक गांव जंडुपुरखेड़ा का दौरा किया और गांव के लोगों से अमृतपाल व परिवार के बारे में जानकारियां ली।
गत दिनों आतंकवादी जरनैल सिंह भिण्डरांवाला के गांव रोडे में अमृतपाल सिंह की दस्तारबंदी की गई, जिसमें कट्टरपंथी संगठनों के सदस्य शामिल हुए। बताया जा रहा है कि कंट्टरपर्थी संगठनों में ऐसे भी लोग शामिल थे, जिनका खालिस्तानी गतिविधियों से संपर्क है। इस दौरान खालिस्तानी नारे भी लगाए गए। जांच के दौरान पता चला कि 2012 से पहले ही अमृतपाल का परिवार दुबई चला गया था। वहां परिवार ने ट्रांसपोर्ट का काम शुरू किया। 2013 में दुबई में ट्रांसपोर्ट का कामकाज अमृतपाल खुद देखने लगा। एजेंसियां इसी गांव के आतंकी गुरदीप सिंह खेड़ा से भी अमृतपाल के संबंधों को एजेंसियों खंगाल रही हैं। खेड़ा फिलहाल जेल में बंद है।
बता दें कि अलग-अलग सिख जत्थेबंदियों व की ओर से जिन बंदी सिंहों (आतंकियों) की रिहाई के लिए आवाज उठाई जा रही है, उनमें गुरदीप सिंह खेड़ा भी शामिल है। इसी घटना के बाद से ही खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं।
डीजीपी पंजाब गौरव यादव का कहना है कि अमृतपाल की सभी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। जरूरत पडऩे पर पंजाब पुलिस उचित कदम उठाएगी। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री ने आशंका जताई है कि ड्रोन के जरिए जो हथियार पाकिस्तान में भारत में गिराए हैं उनको प्रयोग करने के लिए युवाओं को तैयार करने का काम अमृतपाल को सौंपा गया है। कैप्टन ने यह दावा शनिवार को पत्रकारों के समक्ष किया।
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