हल्द्वानी उप कारागार में शुरू की गई जेल पर्यटन की योजना शुरू होने से पहले बंद हो गई दिखती है। उत्तराखंड के आईजी जेल बिमला गुंज्याल ने इसे अंधविश्वास बताते हुए, जेलर साहब का जवाब तलब किया है।
उल्लेखनीय है कि हल्द्वानी जेल के अधिकारी सतीश सुखीजा ने अपने पुराने परिसर के एक बैरक को सुसज्जित कर उसे जेल पर्यटन के लिए प्रचारित कर दिया। जेल पर्यटन के विषय में ये प्रचार किया गया कि बहुत से लोगो को ज्योतिष ये सलाह देते है कि तुम्हारे ग्रह ठीक नहीं है और तुम्हे जेल हो सकती है ऐसे में ये लोग जेल आकर यहां की रोटी खाने के लिए जेलर से संपर्क करते है।
जेलर ने जेल पर्यटन का कॉन्सेप्ट बनाया और इस कमरे को सुसज्जित कर उसका 500 रु शुल्क रखा जिसमे भोजन भी सम्मलित था, ऐसे लोगो के लिए रखा। जैसे ही ये खबर मीडिया में वायरल हुई, उत्तराखंड की आईजी( जेल) बिमला गुंज्याल ने जेलर का जवाब तलब कर लिया और पूछा कि किसकी अनुमति से ये जेल पर्यटन शुरू किया गया? क्या शासन से इसकी अनुमति ली गई?
आईजी( जेल) का कहना है कि ये अंधविश्वास से जुड़ा विषय है जिसके लिए कानून इजाजत नहीं देता।
जब इस मामले में जब जेलर से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई तो उनका फोन बंद पाया गया। खबर है कि शासन स्तर से जवाब तलब होने से जेलर सुखीजा की ये योजना परवान चढ़ने से पहले ही ध्वस्त हो गई।
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