मेरठ में आर्मी पब्लिक स्कूल की होनहार छात्रा डिंपल दिनकर पाटिल ने एक ऐसा एप बनाकर तैयार किया है, जिसके जरिए एल्जाइमर यानि की भूलने की बीमारी का समाधान निकलेगा, डिंपल ने यह समाधान डिजिटल माध्यम से निकाला है। डिंपल ने एल्जाइमर पर मोबाइल एप ‘ब्रेनी’ बनाया है, जिसने हर किसी को अचंबित कर दिया है। डिंपल ने बताया, कि उन्होंने अपनी दादी को देखकर इस एप को बनाने का विचार अपने मन में लाया था, जो कि एल्जाइमर से पीड़ित हैं। उन्होंने इस एप को यूनेस्को के सामने भी प्रदर्शित कर मेंबरशिप ली है। जल्द ही यह एप प्लेस्टोर पर भी उपलब्ध होगा, जिसके लिए उन्होंने एक प्रतिष्ठित कंपनी से पेटेंट के लिए आवेदन भी किया है।
मूलरूप से महाराष्ट्र की रहने वाली डिंपल दिनकर पाटिल कैंट के आर्मी यूनिट में रहती हैं। इनके पिता पाटिल दिनकर महादेव फौजी हैं, वहीं इनकी मां एक गृहिणी हैं। डिंपल कैंट स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल में 10वीं की छात्रा हैं, बता दें डिंपल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विषय में रुचि रखती हैं। जिसकी वजह से उन्होंने इस एप को बनाया है।
डिंपल का कहना है, कि एक बार वह सपने पूरे परिवार के साथ ‘उरी’ फिल्म देखने गईं थीं। तभी उन्होंने फिल्म में फौजी की मां को एल्जाइमर की बीमारी से ग्रसित देखा, जो बीमारी की वजह से कहीं खो जातीं हैं, जिन्हें लाइफ ट्रैकिंग एप के जरिए खोज निकाला जाता है। उसी के बाद उन्होंने ऐसा ही कुछ अपनी दादी के लिए करना चाहा, जिसके बाद उन्होंने इस एप को बनाने की सोची।
वहीं डिंपल पाटिल ने बताया, कि एल्जाइमर से पीड़ित रोगी को अपने पहचान, उसकी आम सूचनाओं के शब्दों को एक गाने के रूप में पिरो कर उसे ऐप में डाउनलोड कर दिया जाता है, जिसके बाद यादाश्त भूल जाने पर यह ऐप उन्हें फिर से खुद को सामान्य करने में मदद करता है।
डिंपल ने बताया कि इस ऐप को यूनेस्को के अधिकारियों के सामने प्रदर्शित कर दिया गया है, और इसके लिए उन्हें सराहना मिली है। वहीं भारत सरकार से भी उन्हे शाबासी मिली है। जल्द ही यह ऐप प्ले स्टोर पर अपलोड हो जाएगा। वहीं डिंपल के इस ऐप को लेकर आर्मी पब्लिक स्कूल मेरठ में खासा उत्साह है।
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