हर घर नल योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के गांवों में पहुंचने वाला पानी आरओ के पानी से बेहतर, स्वच्छ और लाभदायक होगा। प्रत्येक गांव के बाहर वाटर ट्रीटमेंट लगाए जाएंगे, जहां भूजल या नदी से लिए जाने वाले पानी का ट्रीटमेंट होगा और फिर उसे प्रत्येक घर तक पहुंचाया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते दिनों हर घर नल योजना की समीक्षा बैठक में स्पष्ट कहा कि योजना के अंतर्गत प्रत्येक घर में पहुंचने वाला पानी तमाम मिनिरल्स से भरपूर होना चाहिए। अभी शहर और गांवों में जो जार का पानी बेचा जा रहा है, वो खतरनाक है। अभियान चलाकर सरकार लोगों को इसके प्रति जागरूक करेगी। इस योजना में सरकार ने मार्च 2024 तक सभी 2.64 करोड़ घरों तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।
मुख्यमंत्री की मंशा है कि हर व्यक्ति को शुद्ध पेयजल मिले, यह उसका मौलिक अधिकार है। शुद्ध पेयजल की तलाश में शहरों और गांव में लोग जार का पानी पी रहे हैं। तमाम सर्वे में पता लगा है कि जार का पानी शुद्ध नहीं है। यह तमाम रोगों का कारण बन सकता है। इसको लेकर हमें लोगों को अभियान चलाकर जागरूक करना होगा। सरकार की जिम्मेदारी है कि प्रत्येक व्यक्ति तक स्वच्छ पानी पहुंचे। इसके लिए सरकार हर संभव प्रयास करेगी। गुणवत्ता का पूरा ख्याल रखा जाए। कनेक्शन देने के लिए जिन प्लंबरों को लगाया जाए उन्हें ग्राम पंचायत में प्रशिक्षण मिलना चाहिए।
गौरतलब है कि जल जीवन मिशन के तहत सूखा प्रभावित क्षेत्रों, जल गुणवत्ता प्रभावित गांवों, जल गुणवत्ता प्रभावित गांवों, जापानी इंसेफेलाइटिस, एक्यूट इंसेफेलाइटिस से प्रभावित जिलों को प्राथमिकता पर रखा गया। इससे ग्रामीण इलाकों को दस्त, हैजा, टाइफाइड, मलेरिया, डेंगू, त्वचा का कैंसर, दांतों में फ्लोरोसिस, किडनी में स्टोन, पाचन तंत्र संबंधी बीमारियों से निजात मिलेगी।
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