झारखंड की राजधानी रांची में कट्टरपंथियों ने एक बार फिर एक मंदिर का ताला तोड़ा और वहां घुसकर मूर्तियों के साथ तोड़फोड़ करने की हिम्मत दिखाई है। लोगों का मानना है कि इस घटना के माध्यम से पूरे रांची को अशांत करने की कोशिश है। आपको बता दें कि यह वही मंदिर है जहां 10 जून को कट्टरपंथी मुसलमानों ने पत्थरबाजी की थी और उसके बाद पुलिस पर ही हमला भी किया था। अब पुलिस वाले पत्थर फेंकने वाले रमीज अहमद को मानसिक विक्षिप्त बता रहे हैं।
घटना 28 सितंबर की है। रांची का सबसे भीड़भाड़ वाला क्षेत्र मल्लाह टोली में भव्य बजरंगबली का मंदिर है। इस मंदिर के पास गुरुद्वारा है और पास में ही दुर्गा पूजा का आयोजन किया जा रहा है। 28 सितंबर की अहले सुबह रमीज अहमद नाम के एक युवक इसी मंदिर का ताला तोड़कर मंदिर में घुसा और बजरंगबली की मूर्ति को खंडित कर दिया। जानकारी के अनुसार विक्की विश्वकर्मा नाम का युवक मंदिर की सफाई करने पहुंचा तो उसने देखा कि मंदिर के मुख्य द्वार का ताला टूटा हुआ है और मूर्तियां क्षतिग्रस्त हैं। मंदिर से किसी भी तरह की कोई चोरी नहीं हुई है। इसकी जानकारी स्थानीय लोगों को दी गई और उसके बाद लोगों ने आकर पुलिस पर दोषी को पकड़ने के लिए दबाव बनाया। इसके बाद पुलिस ने भी तुरंत पहुंचकर सीसीटीवी फुटेज को खंगाला और आरोपी की पहचान कर कुछ ही घंटे में उसे दबोच लिया।
10 जून को भी इसी मंदिर में कट्टरपंथी मुसलमानों द्वारा हमला किया गया था। मंदिर को बचाने आई पुलिस पर कट्टरपंथियों द्वारा पत्थर फेंके गए थे और गोली भी चलाई गई थी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में दो उपद्रवियों को गोली भी लगी थी। अब एक बार फिर उसी मंदिर को निशाना बनाया गया है और यह प्रयास किया जा रहा है कि पूरे रांची में मनाई जा रही नवरात्रि के दौरान किसी तरह का हंगामा कराया जा सके।
इस घटना पर रांची के एसएसपी किशोर कौशल ने कहा कि मंदिर में हमला करने वाले को कुछ ही घंटे के अंदर गिरफ्तार कर लिया गया है। रांची की मुख्य सड़क और हिंदपीढ़ी समेत पूरे शहर में शांति का माहौल है। उन्होंने बताया कि दुर्गा पूजा में सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती भी की गई है, ताकि किसी तरह की अनहोनी ना हो।
अब हनुमान जी की मूर्ति तोड़ने वाले रमीज अहमद को पुलिस ही विक्षिप्त बता रही है। किसी आरोपी को बचाने के लिए इस तरह का तर्क पहले मुस्लिम समाज देता था। और शायद अब किसी दबाव में पुलिस वैसा ही तर्क दे रही है।
हिंद पीढ़ी के थानेदार के अनुसार आरोपी रमीज अहमद मानसिक रूप से बीमार है। अब पुलिस यह तय नहीं कर पा रही है कि आरोपी को जेल भेजा जाए या फिर पागलखाना।
अब सवाल यह उठता है कि आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आते ही यह कैसे पता चल जाता है कि वह मानसिक रूप से विक्षिप्त है?
हिंदू कार्यकर्ता भैरव सिंह ने का कहना है कि पूरे रांची में कट्टरपंथियों की हिम्मत सिर्फ तुष्टिकरण की वजह से बढ़ती जा रही है।
इस घटना के बाद जहां झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं आई है वही पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास ने कहा कि जबसे हेमंत सोरेन के नेतृत्व में यूपीए की सरकार आई है, तभी से यहां का बहुसंख्यक समाज अपने आप को प्रताड़ित महसूस कर रहा है। जब उपद्रवियों पर नरमी होगी तो इन कट्टरपंथियों का मनोबल तो बढ़ेगा ही। उन्होंने हेमंत सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई करे, नहीं तो हिंदू समाज सड़क पर उतर गया तो झारखंड का राजनीतिक और भौगोलिक नक्शा बदल जाएगा।
आपको बता दें कि10 जून को जब इस मंदिर पर हमला हुआ था उस वक्त पुलिस की कार्रवाई में दो उपद्रवियों की मौत हो गई थी। इसके बाद झारखंड सरकार की ओर से पुलिस को शाबाशी देने के बजाय वहां तैनात एसएसपी सुरेंद्र झा का तबादला कर दिया गया था।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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