फर्जी पासपोर्ट मामले में सीबीआई कोर्ट ने अबू सलेम को 3 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अबू सलेम को 10 हजार रुपये का जुर्माना भी किया गया है. ट्रेवल एजेंट परवेज को भी सीबीआई कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई है. विदेश यात्रा करने के लिए फर्जी नाम और पते से पासपोर्ट के लिए आवेदन किया गया था. कूटरचित कागजात लगाए गए थे. उस समय के अपर पुलिस अधीक्षक आज़मगढ़ का फर्जी दस्तखत और मोहर बनाई गई थी.
बता दें कि अबू सलेम ने विदेश जाने के लिए अपना और अपनी पत्नी समीरा जुमानी का पासपोर्ट फर्जी कागजात के आधार पर बनवाया था. इस फर्जी पासपोर्ट को बनवाने के लिए फर्जी नाम और फर्जी पते के कागजात लगाए गए थे. पासपोर्ट बनवाने के लिए अबू सलेम ने ट्रैवल एजेंट, परवेज आलम से मदद लिया था. परवेज आलम ने अबू सलेम का नाम अकील अहमद आज़मी और उसकी पत्नी का नाम सबीना आजमी लिखवाया था. इस तरह से फर्जी दस्तावेज लगाकर के पासपोर्ट के लिए आवेदन किया गया था.
पासपोर्ट के लिए आवेदन करते समय आजमगढ़ जनपद के तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक का फर्जी दस्तखत बनाया गया था. सीबीआई कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक के अनुसार वर्ष 1993 में मुंबई ब्लास्ट के बाद यह संज्ञान में आया था कि अबू सलेम ने लखनऊ पासपोर्ट कार्यालय से ट्रेवल एजेंट परवेज आलम की मदद से पासपोर्ट बनवाया था और यह पासपोर्ट फर्जी दस्तावेज और कूटरचित कागजात के आधार पर बनवाया गया था.
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