भागलपुर रेलवे स्टेशन के पश्चिमी केबिन के पास बूचड़खाने की दीवार पटरी पर गिरने की घटना को रेल विभाग ने गंभीरता से लिया है। रेल विभाग के निर्माण कार्य निरीक्षक (आईओडब्ल्यू) ने 16 मकान मालिकों को नोटिस दिया है। इन लोगों से कहा गया है कि वे अपने मकान की नींव मजबूत करें, अन्यथा कोई घटना घटने पर स्वयं ही जिम्मेदार होंगे।
उल्लेखनीय है कि गत दिनों रात में पश्चिमी केबिन के आगे बूचड़खाने की दीवार रेल पटरी पर गिर गई थी। इस कारण पटना-मालदा इंटरसिटी एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त होने से बाल-बाल बची थी। यही नहीं, लगभग तीन घंटे तक रेल परिचालन भी ठप हो गया था। इसके बाद रेलवे का संबंधित विभाग सक्रिय हुआ और कुछ लोगों को नोटिस भेजा गया। कई लोगों ने नोटिस न लेकर अधिकारियों से बहस भी की। इसके बद कई लोगों के घरों के बाहर नोटिस चस्पा कर चेताया गया है। निर्माण कार्य निरीक्षक ललन कुमार के अनुसार रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण हुआ है। इसलिए रेलवे इस संबंध में उचित कार्रवाई करेगा। इसके साथ ही रेलवे की जमीन की मापी भी कराई जाएगी।
बता दें कि भागलपुर रेलवे स्टेशन के पश्चिम और पूर्व में रेलवे की जमीन पर मनमाने तरीके से कब्जा हुआ है। हालत यह है कि पश्चिम की तरफ रेल पटरी के दोनों किनारे सघन आबादी बस गई है। मकान बिल्कुल रेलवे पटरी के किनारे बन गए हैं। यदि कभी किसी कारणवश कोई गाड़ी रुकती है तो रेल गाड़ी में बैठे लोग आसपास के घरों की खिड़कियों के जरिए घरों के अंदर तक झांक सकते हैं। ऐसे ही वहां के लोग भी अपने घर में बैठे-बैठे रेलगाड़ी के अंदर के सभी यात्रियों की गिनती तक कर सकते हैं।
मालूम हो कि भागलुपर रेलवे स्टेशन से पश्चिम रेलवे पटरी के दोनों किनारे लगभग दो किलोमीटर तक मुसलमानों की आबादी है। हो सकता है इन लोगों ने घर अपनी जमीन पर बनवाए होंगे, लेकिन रास्ते रेलवे की जमीन पर बना लिए हैं। यहां तक कि कई लोगों ने अपने दरवाजे रेल पटरी की ओर खोल लिए हैं। ऐसे ही जहां रास्ता नहीं होना चाहिए, वहां भी जबरन रास्ता बना लिया गया है। इस कारण कभी भी कोई बड़ी घटना हो सकती है।
भागलपुर स्टेशन के दक्षिणी भाग में भी रेलवे की जमीन पर कब्जा हुआ है। इससे रेल सुरक्षा को भी चुनौती मिल रही है। उम्मीद है कि रेल विभाग इस संबंध में उचित कार्रवाई कर अपनी जमीन को कब्जा-मुक्त कराएगा।
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