पीएफआई को कौन नहीं जानता। उसकी कट्टरपंथी हरकतें, देश विरोधी गतिविधियां और हिन्दू संगठनों के विरुद्ध मजहबी उन्माद को भड़काने के अनेक उदाहरण सामने हैं। केरल में मुस्लिमों को उकसाने और हिन्दू संगठनों के खिलाफ बेमतलब माहौल बनाने में यह संगठन हमेशा आगे रहा है। दक्षिण के अन्य राज्यों में भी इस संगठन ने अपनी जड़ें फैलाई हुई हैं। उल्लेखनीय है कि कट्टर इस्लामिक संगठन पीएफआई को भारत में आतंकवादी हमले कराने तथा देश में बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक उपद्रव भड़काने के गंभीर आरोप लगे हैं।
जानिए क्या है पीएफआई ?
– आतंकी संगठन सिमी का नया रूप है PFI
– सिमी पर प्रतिबंध के बाद हुआ गठन
– देश के अंदर पाकिस्तान की दूसरी ISI है PFI
– SDPI, NWF, CFI पीएफआई की ही शाखाएं है
किन किन दंगों में आया नाम ?
- – CAA विरोध के नाम पर देशभर में भड़काई हिंसा
- – शाहीन बाग मामले का मास्टरमाइंड PFI
- – हिंदू विरोधी दिल्ली दंगे
- – ईस्टर पर श्रीलंका को दहलाने वाले आतंकी का निर्माता
- – ईस्टर पर चर्च पर हुए हमले में गई थी 250 की जान
- – 2012 में असम के कोकराझार दंगे
- – 2020 में हाथरस में जातिगत हिंसा भड़काने की साजिश
- – जहांगीरपुरी में हनुमान जनमोत्सव पर कराया दंगा
- – करौली व खरगोन दंगे
- – देशभर में जुम्मे की हिंसा (13 जून)
- – हिंदूवादी नेताओं की हत्याओं में आया नाम
- – 2020 में बेंगलुरु में हुई हिंसा में आया नाम
- – हिजाब के नाम पर कर्नाटक को सुलगाने की साजिश
- – लव जिहाद के एजेंडे चलाने का आरोप
- – 2017 में केरल पुलिस ने NIA को सौंपे लव जिहाद के 94 मामले
- – लव जिहाद के 94 मामले में से 23 मामलों का PFI से सीधा कनेक्शन
- – 2012 में केरल सरकार ने हाईकोर्ट को दी जानकारी
- – हत्या के 27 मामलों का PFI से सीधा-सीधा कनेक्शन
- – 2013 में केरल के कन्नूर में जिझाड़ी कैंप लगाने का आरोप
- – पुलिस ने गिरफ्तार किए 21 जिहादी, देसी बम, तलवार, बम बनाने का सामान बरामद
- – 2017 में एक स्टिंग ऑपरेशन में बेनकाब हुआ PFI
- – संस्थापक अहमद ने कबूली भारत को इस्लामिक स्टेट बनाने की बात
- – केरल हाईकोर्ट ने PFI को बताया चरमपंथी संगठन
केंद्रीय जांच एजेंसीयों ने 15 राज्यों में की छापेमारी
वहीं अब टेरर फंडिंग मामले में एनआईए, ईडी और राज्य पुलिस ने 15 राज्यों में 93 स्थानों पर छापा मारा। पीएफआई के नेताओं और सदस्यों के खिलाफ मामलों में कार्रवाई की गई। PFI नेताओं और कैडरों की आतंकवाद और आतंकवादी गतिविधियों की फंडिंग में शामिल होने और लोगों को कट्टरपंथी बनाने के इनपुट मिले थे। इस आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की ओर से इस बात की जानकारी दी गई।
बुधवार देर रात से लेकर गुरुवार शाम तक चली छापेमारी में पीएफआई के 106 नेताओं और कैडरों को गिरफ्तार किया गया। केरल-39, तमिलनाडु-16, कर्नाटक-12, आंध्र प्रदेश-7, तेलंगाना-1, उत्तर प्रदेश-2, राजस्थान-4, दिल्ली-2, असम-1, मध्य प्रदेश-1, महाराष्ट्र-4, गोवा-1, पश्चिम बंगाल-1, बिहार-1 और मणिपुर में 1 स्थान पर छापा मारा गया। करीब 300 अधिकारी तलाशी अभियान में शामिल रहे। NIA के डीजी ने ऑपरेशन की निगरानी की।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने की उच्चस्तरीय बैठक
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को एक उच्च स्तरीय बैठक कर देश भर में पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कार्यकर्ताओं के खिलाफ हुई कार्रवाई की जानकारी ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के ठिकानों पर हुई छापेमारी के बीच हुई इस बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वरिष्ठ अधिकारियों की मानें तो अमित शाह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में पीएफआई से जुड़े परिसरों में की जा रही छापेमारी और आतंकवाद के संदिग्धों के खिलाफ की कार्रवाई पर चर्चा की गई। इस उच्चस्तरीय बैठक में शाह के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, एनआईए के महानिदेशक दिनकर गुप्ता समेत शीर्ष अधिकारी शामिल हुए।
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