मुख्य सचिव एवं संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के अध्यक्ष दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। बैठक में सिर और गर्दन की सर्जरी, बाल चिकित्सा एंडोक्रिनोलॉजी , संक्रामक रोग और वैक्सीन अनुसंधान के लिये नए विभागों के निर्माण की मंजूरी प्रदान की गई। उत्तर प्रदेश जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य होने के बावजूद किसी भी अस्पताल में एक समर्पित सिर और गर्दन की सर्जरी विभाग नहीं है। एसजीपीजीआईएमएस में सिर और गर्दन की सर्जरी विभाग की शुरुआत की जा रही है, जो कि सिर और गर्दन के कैंसर के रोगियों का समुचित उपचार करेगा। पूरे देश में उत्तर प्रदेश राज्य से कुल 21 प्रतिशत कैंसर के मामलों आते है। इस विभाग के बनने के बाद सिर और गर्दन के कैंसर का बेहतर और संगठित तरीके से इलाज किया जाएगा।
बाल चिकित्सा एंडोक्रिनोलॉजी विभाग बच्चों में विकास और वृद्धि के क्षेत्र में विशेषज्ञ विभाग के तौर पर कार्य करेगा। संस्थान ने वर्ष 2001 में बाल चिकित्सा एंडोक्रिनोलॉजी में पहला औपचारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया था। अब मधुमेह, मोटापा, थायराइड और बच्चों में प्रचलित अन्य विकारों के मामलों का विभाग के गठन के बाद पूर्ण समर्पण के साथ इलाज किया जा सकेगा। कोविड महामारी के बाद संक्रामक रोग और वैक्सीन विकास विभाग की अत्यधिक आवश्यकता के दृष्टिगत एसजीपीजीआईएमएस का यह नया विभाग विशेष रूप से स्वाइन फ्लू, जापानी इंसेफेलाइटिस, वायरल हेपेटाइटिस और कोरोना जैसे संक्रामक रोगों का उपचार करेगा। गले के कैंसर, बाल चिकित्सा जटिलताओं और हाल ही में हुई कोविड महामारी को देखते हुए ये नए विभाग अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इन नए विभागों में विशेष उपचार की उपलब्धता से उत्तर प्रदेश राज्य को दीर्घकालीन लाभ होगा।
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