इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच ने मुख्तार अंसारी को 7 साल की सजा सुनाई है। वर्ष 2006 से जेल में बंद मुख्तार अंसारी को पहली बार किसी मुकदमे में सजा सुनाई गई है। लखनऊ के आलमबाग थाने में एक जेलर को धमकाने के आरोप में मुख्तार अंसारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इस मामले में मुख्तार अंसारी को जनपद न्यायालय ने बरी कर दिया था।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के लखनऊ बेंच के न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने राज्य सरकार की अपील को स्वीकार करते हुए मुख्तार अंसारी को 7 वर्ष की सजा सुनाई। वर्ष 2003 में तत्कालीन जेलर एसके अवस्थी ने थाना आलमबाग में मुख्तार अंसारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।
एफआईआर में कहा गया था कि जेल में मुख्तार अंसारी से मिलने आए लोगों की तलाशी लेने का आदेश देने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई थी। इसके साथ ही उन्हें गाली देते हुए मुख्तार ने उन पर पिस्तौल भी तान दी थी। इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने मुख्तार को बरी कर दिया था। इसके खिलाफ राज्य सरकार ने अपील दाखिल की थी।
टिप्पणियाँ