पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में हर दिन नई परतें खुलती नजर आती हैं। इसी कड़ी में अब न्यायालय ने एसएससी के पूर्व चेयरमैन और उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के कुलपति सुबीरेश भट्टाचार्य को 26 सितंबर तक सीबीआई हिरासत का निर्देश दिया है। सीबीआई का मानना था कि कुलपति एक बड़ी साजिश में शामिल हैं। ऐसे में पूरे राज जानने के लिए हिरासत में लिया जाना जरूरी है। सीबीआई ने कोर्ट में आरोप लगाया कि कुलपति ने कम से कम 300 परीक्षार्थियों की मार्कशीट बदली थी। मार्कशीट के नंबर बढ़ाये गये और उसके आधार पर अयोग्य उम्मीदवारों की नियुक्ति की गई।
बता दें कि सुबीरेश 2014 से 2018 तक एसएससी के अध्यक्ष थे। जांच में पता चला कि उस समय शिक्षकों की नियुक्ति में भ्रष्टाचार हुआ था। यहां तक कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश रंजीत कुमार बाग के नेतृत्व में एसएससी भ्रष्टाचार के संबंध में जांच समिति की रिपोर्ट में भी उस समय शिक्षकों की नियुक्ति में भ्रष्टाचार का उल्लेख किया गया है। खबरों के अनुसार सुबीरेश से उनके कार्यकाल के दौरान इस नियुक्ति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने सहयोग नहीं किया। सीबीआई ने यह भी कहा कि एसएससी अध्यक्ष के पद से हटने के बाद भी सुबीरेश का प्रभाव था। उल्लेखनीय है कि सुबीरेश अभी भी उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के कुलपति और दार्जिलिंग हिल्स विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति हैं। इसके अलावा श्यामा प्रसाद कॉलेज, कोलकाता के प्राचार्य के साथ-साथ निखिल बंगा प्राचार्य परिषद के अध्यक्ष और राज्य कुलपति परिषद के सचिव भी हैं। जांचकर्ताओं को शक है कि कई पदों पर आसीन सुबीरेश शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार गिरोह केे मुखिया थे।
जांच को गुमराह करने का प्रयास
सीबीआई के अधिवक्ता ने कहा कि सुबीरेश उस समय एसएससी के अध्यक्ष थे, जब पश्चिम बंगाल में शिक्षकों की नियुक्ति में भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। हालांकि उन्हें भर्ती को लेकर कोई जवाब नहीं मिल रहा है। वह जांच को गुमराह करने का भी प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, सुबीरेश के वकील ने अदालत को बताया कि भर्ती भ्रष्टाचार में बड़े अधिकारियों को बचाने के लिए एसएससी के पूर्व अध्यक्ष की बलि दी जा रही है।
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